उपचार न मिलने से गर्भवती महिला की मौत ,नहीं मिला शव वाहन, ऑटो के सहारे शव को लेकर गए परिजन
सिंगरौली जिले में एक बार फिर लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के कारण गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे नवजात को जान गंवानी पड़ी पूरा मामला बरगवां नगर परिषद के मैरहा की है परिजनों ने बताया कि राम लल्लू बैगा अपनी गर्भवती पत्नी सुषमा बैगा को अस्पताल ले जाने के लिए लगातार 108 पर फोन करता रहा लेकिन एंबुलेंस की सुविधा न मिलने की वजह से वह अस्पताल सही समय पर नहीं पहुंच सका जिसकी वजह से उसकी गर्भवती पत्नी और उसके गर्भ में पल रहे नवजात की जान चली गई .इतना ही युवक अपनी पत्नी और उसके गर्भ में पल रहे नवजात की जान बचाने के लिए प्राइवेट वाहन से अस्पताल पहुंचता है तो वहां उपचार के लिए डॉक्टर मौजूद नहीं था गर्भवती अपने दर्द में कराहती रही लेकिन उसका उपचार करने वाला कोई डॉक्टर वहां मौजूद नहीं था नर्सो ने उपचार किया लेकिन महिला और नवजात को नहीं बचाया जा सका।
करोड़ों का राजस्व व्यवस्थाएं लाचार
यह हाल करोड़ों का राजस्व देने वाली सिंगरौली का है जहाँ करोड़ों का राजस्व तो है लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्थाएं वेंटिलेटर पर है यहाँ सही समय पर न तो इलाज मिल पाता है और न ही एंबुलेंस की सुविधा जिसकी वजह से लोगों की जान जा रही है.प्रदेश की मोहन सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिये नई नई योजनाएं शुरू कर रही है जिन योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन उन योजनाओं का लाभ गरीबों को नही मिल रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर नदारत
यह सिंगरौली जिले के बरगवां नगर परिषद का है जहां बीती रात गर्भवती महिला को उपचार के लिए उसके परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगवां ले जाते हैं लेकिन वहां डॉक्टर ना होने की वजह से महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो जाती है यह साफ तौर पर दर्शाता है कि किस तरह से डॉक्टर अपनी मनमानी करते हैं वह ड्यूटी पर नहीं होते हैं जिनका खामियाजा परिजन उठते हैं।
नहीं पहुंची 108 एम्बुलेंस वाहन
राम लल्लू बैगा अपनी पत्नी की तबीयत बिगड़ता देख तत्काल उसने 108 एंबुलेंस वहां को फोन लगाया लेकिन कभी उसे यह कह कर टाल दिया जाता था कि एंबुलेंस देवसर गई है तो कभी यह कहा जाता था कि बैढ़न से एंबुलेंस बुलाना पड़ रहा है लेकिन आखिरकार घंटा इंतजार करने के बाद एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी तक हर कर मजबूर पति अपनी पत्नी को टेंपो के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरगवां पहुंचता है जहां डॉक्टर की कमी ने उसकी पत्नी को और उसके गर्भ में पल रहे मासूम को मौत के मुंह में धकेल दिया।
शव वाहन भी नही हुआ नसीब
अस्पताल में गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे मासूम की मौत के बाद उनके शव को लेजाने के लिए शव वाहन भी नसीब न हो सका एक और जहां प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने प्रदेश में लोगों की मौत हो जाने पर निशुल्क उनके शव को घर तक पहुंचाने के लिए शव वाहन दिए गए हैं लेकिन सब वाहनों की कमी ने आखिरकार मजबूर पति को ऑटो के जरिए अपनी पत्नी का सब ले जाने के लिए मजबूर कर दिया वीडियो में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तरह से एक पति और उसके परिवार वालों वाले मित्र महिला को टेंपो में रखकर अपने घर ले जा रहे हैं जो मानवता को शर्मसार करता है।
इनका कहना है।
जब इस सम्बन्ध में जिला चिकित्सा अधिकारी पुष्पराज सिंह से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि जानकारी लेकर हम आप को अवगत कराते है।
