
सिंगरौली हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में व्यवस्थाओं के नाम पर मच रही लूट, परिजनों ने लगाया आऱोप
सिंगरौली जिले में लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार लाख दावे करती हैं और उन दावों को लेकर जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर काफी सुधार का प्रयास कर रहा है वही बता दें कि जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर में पदस्थ डॉक्टर ही अपने निजी अस्पतालों का इन दिनों जोरों शोरों से आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं गोपनीय सूत्रों की अगर माने तो कहना है कि जब भी ऐसी कोई मरीज ट्रामा सेंटर में आते हैं तो उन्हें यह सलाह दिया जाता है कि आप सिंगरौली हॉस्पिटल चले जाइए वहां पर आपको बेहतर उपचार मिलेगा यही नहीं उपचार के आड़ में उन मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करते हैं या फिर यूं कहें कि एक कागज में मरीज के परिजनों से सिग्नेचर करवा कर अपने कंधों से जिम्मेदारियां को झाड़ देते हैं।
मरीज के परिजनों ने बताया कि एक कागज में यह डॉक्टर साहब लोग साइन करवाते हैं जिसमें यह लिखा रहता है कि मरीज को अगर कुछ भी होता है तो उसकी जवाबदारी हमारी नहीं रहेगी जिससे कि यह लापरवाही कर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करते हैं यही नहीं आज मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने निकल कर आई जहां पर बता दे की दो दिनों से भारती रही महिला मृतिका चुनकुवारी दुबे खैराही की निवासी की बताई जा रही है जहां पर मृत्यु होने के बाद उनकी डेड बॉडी को उसे जगह पर रखा गया जहां पर अस्पताल के कचरा संग्रह को एकत्रित किया जाता है जिससे परिजन काफी नाराज होकर कहे कि यह ऐसी व्यवस्थाओं को हम क्या समझे जो की सिंगरौली हॉस्पिटल स्वच्छता का गुणगान गाता है और मृत्यु डेड बॉडी को उन जगहों पर रखते हैं जहां पर कचरा संग्रह किया जाता है।
परिजनों का यह भी कहना है कि हर हॉस्पिटल में डेड बॉडी को रखने के लिए मर्चुरी रहती है लेकिन इस अस्पताल में तो मर्चुरी ही नहीं है जिस वजह से डेड बॉडी को उन जगहों पर रखा गया जहां पर कचडा संग्रह किया गया है।
समाजसेवी सुषमा जी के द्वारा कहा गया कि ऐसी तस्वीरें यह साफ जाहिर हो गया कि डॉक्टर अब लाश को भी कचडा समझकर कचडा की जगह पर रख दिए यह तो मानवता को शर्मसार कर देने वाली बात है अगर ऐसे मामलों पर जल्द ही शासन प्रशासन संज्ञान नहीं लेती है तो हम सभी समाजसेवी संगठन के लोग इसका जोरदार विरोध करेंगे।