
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर पीसीबी की जमीन कब्जाने के लगे गंभीर आरोप
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बाउंड्रीवाल को दिनदहाड़े गिराने के लगे आरोप
सिंगरौली। सिंगरौली जिले में भकुआर, नौगढ़ स्थित निर्माणाधीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय विवादों में घिर गया है। अधिष्ठाता (डीन) डॉ. आर.डी. दत्त पर आरोप है कि उन्होंने म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली की 0.460 हेक्टेयर भूमि को जबरन कब्जाने के लिए प्रशासनिक और दबंगई दोनों स्तरों पर प्रयास किए।
जानकारी के अनुसार उक्त भूमि वर्ष 2011 में तत्कालीन कलेक्टर पी. नरहरि के आदेश से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवंटित की गई थी और यहां वर्ष 2018 से क्षेत्रीय कार्यालय एवं प्रयोगशाला संचालित हो रही है। इस भूमि पर बोर्ड की 24 घंटे अत्यावश्यक पर्यावरणीय सेवाओं हेतु आवासीय परिसर, ईको पुष्प वाटिका, वायु गुणवत्ता मापक यंत्र सहित कई जनहितकारी योजनाएँ चल रही हैं। बोर्ड के मुख्यालय भोपाल ने हाल ही में 3.10 करोड़ रुपये की लागत से आवासीय भवन निर्माण के लिए गृह निर्माण मण्डल द्वारा 5 अगस्त 2025 को टेंडर जारी किया है।
लगभग 25 मीटर तक का गिरा बाउंड्रीवाल
इसी बीच मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को जमीन न मिलने की आशंका से ठेकेदार फर्म डी.बी. प्रोजेक्ट के कर्मचारियों ने 20 अगस्त 2025 को बोर्ड कार्यालय की बाउंड्रीवाल लगभग 25 मीटर तक गिरा दी। यह घटना दिनदहाड़े करीब 20 मिनट चली। बताया जा रहा है कि इस दौरान कर्मचारी भयभीत होकर छत पर चढ़ गए और पूरी घटना का वीडियो बनाने लगे। प्रशासनिक स्तर पर भी इस भूमि को मेडिकल कॉलेज को हस्तांतरित करने से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय की सहमति/अनापत्ति को कानूनी आवश्यकता बताया गया है। बावजूद इसके डीन द्वारा लगातार दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
पुष्प वाटिका के लगभग 150 पेड़ पानी भरने से सड़कर हुए नष्ट
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज के आसपास 50 हेक्टेयर से अधिक निजी भूमि उपलब्ध होने के बावजूद प्रदूषण बोर्ड की जमीन पर कब्जे की साजिश रची जा रही है। सक्रिय भूमि माफियाओं की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इसके अलावा ठेकेदारों ने बोर्ड की जमीन से निकलने वाले सरफेस रन ऑफ को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे क्षेत्र में जलभराव हो गया और विकसित जानकी ईको पुष्प वाटिका के लगभग 150 पेड़ सड़कर नष्ट हो गए। सूचना मिलने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भोपाल मुख्यालय के साथ ही जिला प्रशासन कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम एवं कमिश्नर को अवगत कराया है। इस घटना से न केवल शासकीय संपत्ति को नुकसान हुआ है बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संवेदनशील सिंगरौली जिले के लिए बड़ा खतरा भी उत्पन्न हो गया है। मामला अब गंभीर होते हुए प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
शिकायत मिलने पर जाँच करने पहुंची टीम
पीड़ित पक्ष के द्वारा शिकायत करने पर प्रशाकीय मदद की गुहार लगाने पर बीते दिन गुरुवार को तहसीलदार कार्यालय की ओर से पटवारी, राजस्व निरीक्षक पहुंचे। इन्होंने मेडिकल कॉलेज में ही डीन के कक्ष में राजस्व के प्रमाणिक राजस्व दस्तावेजों को दिखाकर स्पष्ट रूप से कहा, कि यह खसरा 238/2/1 एवम् रकवा 2 हेक्टेयर क़ानूनन मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का है। मिली जानकारी में बताया गया कि जानकारी के बाद भी डीन श्री दत्त कई प्रकार की आधारहीन एवं अप्रमाणिक बातों का उल्लेख कर उक्त जमीन को विवादित करने की चेष्टा में लगे रहे क्योंकि, उन्हें यह समझ में आ गया है, कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आवासीय मकान के निर्माण होने पर जमीन हथियाने के सारे मसूबे हमेशा के लिए धारासाही हो जाएंगे।
इनका कहना है।
जब इस मामले के सम्बन्ध में मेडिकल कॉलेज के डीन आर डी दत्त से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया जिसके कारण उनके तरफ से कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी।