कोतवाली रोड में बन रही नाली गुणवत्ता विहीन, जिम्मेदार मौन
निर्माण कार्यों पर जिम्मेदारों की चुप्पी से बढ़ा ठेकेदारों का हौसला
सिंगरौली। सिंगरौली जिला आज विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। नगर पालिका निगम सिंगरौली लगातार विकास के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों से कोसों दूर है। यहां जनता के पैसों का खुला दुरुपयोग हो रहा है, और जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार पर न केवल आंखें मूंदे हुए हैं, बल्कि कई मामलों में संरक्षण देते नजर आ रहे हैं। पूरा मामला वैढ़न कोतवाली से लेकर जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर की ओर आने वाले मुख्य मार्ग का है। इस मार्ग के किनारे नाली निर्माण का कार्य जोरों पर चल रहा है। लेकिन इस कार्य की गुणवत्ता इतनी निम्न स्तर की है कि देखने वालों के भी होश उड़ जाएं। स्थानीय लोगों के अनुसार नालियों में न तो सही तरीके से सरिया डाली जा रही है, और न ही सीमेंट व मसाले का उचित अनुपात मिलाया जा रहा है। जगह-जगह पर घटिया क्वालिटी के मटेरियल का उपयोग खुलेआम हो रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि निर्माण कार्य में “भस्सी” नामक हल्के मसाले का उपयोग किया जा रहा है, जो कुछ ही महीनों या सालों में टूटकर बिखर जाएगा। ऐसे निर्माण कार्य से नाली तो क्या, किसी तरह की टिकाऊ संरचना की उम्मीद करना भी बेमानी है। हैरानी की बात यह है कि जनता के शिकायतों और मीडिया में मुद्दा उठने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी अब तक मौन हैं।
जब इस मामले में ठेकेदार से बात की गई तो उसका बयान और भी चौंकाने वाला था। ठेकेदार का साफ कहना है “हम क्या करें, हमें भी नगर पालिका के अधिकारियों को खुश करना पड़ता है, तभी तो हमारा बिल पास होता है। अगर हम सब कुछ नियम से करें, तो ऊपर तक की सेटिंग में इतना खर्च हो जाता है कि काम में घाटा पड़ जाता है।” यह बयान ही इस बात की गवाही देता है कि नगर निगम सिंगरौली में भ्रष्टाचार किस हद तक जड़ें जमा चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस भ्रष्ट व्यवस्था पर लगाम कौन लगाएगा?
स्थानीय नागरिकों की मांग है कि इस निर्माण कार्य की जांच कराई जाए। कार्य में लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही हो। जब तक इस तरह के भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाई जाएगी, तब तक सिंगरौली का विकास सिर्फ कागजों और भाषणों तक ही सीमित रहेगा।
