UPPSC स्टाफ नर्स भर्ती-2023 का परिणाम मार्च में और सत्यापन अप्रैल में पूरा, फिर भी नियुक्ति अधर में; चयनितों ने कहा— जांच जारी रहे, पर नियुक्ति पत्र तत्काल जारी किए जाएं
ब्यूरो रवि शंकर गुप्ता
सादिका पवित्र – प्रयागराज – उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की स्टाफ नर्स (पुरुष/महिला) भर्ती परीक्षा-2023 में चयनित अभ्यर्थियों का सब्र अब टूट गया है। मंगलवार को बड़ी संख्या में चयनित उम्मीदवार प्रयागराज स्थित आयोग कार्यालय पहुंचकर जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने आयोग पर “ढुलमुल रवैया” अपनाने का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा और तत्काल नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आयोग ने इस भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा 19 दिसंबर 2023 को कराई थी और मुख्य परीक्षा 28 जुलाई 2024 को संपन्न हुई। परिणाम 7 मार्च 2025 को घोषित हुआ, जिसके बाद 8 से 25 अप्रैल 2025 के बीच दस्तावेज़ों का सत्यापन भी पूरा कर लिया गया। इसके बावजूद नवंबर 2025 तक नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से चयनित अभ्यर्थी परेशान हैं।

चयनितों का आरोप है कि आयोग और डीजीएमई (निदेशक, चिकित्सा शिक्षा) के बीच “पत्राचार और दोबारा जांच की प्रक्रिया” में उनका भविष्य फंस गया है। आयोग की ओर से डीजीएमई को यह निर्देश दिया गया था कि अभिलेखों की जांच के बाद ही नियुक्ति दी जाए, लेकिन अब जारीकर्ता संस्थाओं से पुनः सत्यापन कराया जा रहा है। इससे प्रक्रिया महीनों से लटकी हुई है।
चयनित अभ्यर्थियों का दर्द:-
अभ्यर्थियों ने बताया कि वे भर्ती प्रक्रिया के अंतिम चरण तक पहुंच चुके हैं। कई चयनित उम्मीदवारों ने अन्य नौकरियां यह सोचकर छोड़ दीं कि अब सरकारी सेवा में जल्द नियुक्ति मिलेगी। लेकिन महीनों की प्रतीक्षा के बाद भी नियुक्ति की कोई तारीख तय नहीं है।
“हमने सरकारी नौकरी के भरोसे निजी नौकरियां छोड़ीं। अब आधा साल बीत गया, पर कोई सूचना नहीं। अगर 2025 खत्म होने तक भी नियुक्ति नहीं मिली, तो यह हमारी मेहनत पर पानी फेरने जैसा होगा।” — प्रदर्शन में शामिल चयनित उम्मीदवारों ने कहा।
आयोग से यह रखी मांगें:-
चयनितों ने मांग की कि दस्तावेज़ों की जांच प्रक्रिया जारी रखते हुए नियुक्ति पत्र तुरंत जारी किए जाएं, ताकि वे दिसंबर 2025 से पहले कार्यभार ग्रहण कर सकें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द फैसला नहीं हुआ, तो वे लखनऊ में डीजीएमई और स्वास्थ्य निदेशालय के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान आयोग परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। अधिकारी अभ्यर्थियों से वार्ता कर ज्ञापन लेकर लौटे, लेकिन चयनितों का कहना है कि अब केवल आश्वासन नहीं, “कार्यवाही” चाहिए।
