दो दिनों से लगातार हो रही बूंदाबांदी से खेतों व खलिहानों में रखी उपज भीगी, धूप न निकलने से फसल सूखाने में दिक्कत
संवाददाता – सुरेश चंद्र मिश्रा
प्रयागराज, मेजा:+ लगातार बदलते मौसम ने एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ा दी है। प्रयागराज के मेजा क्षेत्र में दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने खेतों और खलिहानों में रखी धान की फसल को भी भिगो दिया है। इससे न केवल तैयार फसल को नुकसान पहुंचा है बल्कि रबी सीजन की बुवाई पर भी संकट खड़ा हो गया है।

बारिश के चलते अगेती धान की कटाई और पिटाई पर असर पड़ा है। वहीं, हाल ही में बोई गई आलू, मटर, चना और सरसों जैसी फसलों के भी खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। किसानों का कहना है कि अगर अगले दो-तीन दिन धूप नहीं निकली, तो फसल सूखना मुश्किल हो जाएगा और दाने काले पड़ने से मंडियों में दाम भी घट जाएंगे।
ग्राम अछोला के किसान विजय कुमार ने बताया कि उनकी करीब दो बीघा धान की फसल लगातार दो दिनों से बारिश में भीग रही है। उन्होंने कहा कि खेत में पानी भरने से कटाई का काम रुक गया है और मजदूरों की कमी से दिक्कत बढ़ गई है।
किसान विपिन कुमार तिवारी ने बताया कि उनकी चार बीघा धान की फसल पूरी तरह तैयार थी, जिसमें से एक बीघा की कटाई हो चुकी थी। लेकिन बारिश ने सब खराब कर दिया। उन्होंने कहा, “अगर धूप न निकली तो फसल में फफूंद लग जाएगी और पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।”
वहीं, राजेश कुमार शुक्ल और जय नारायण ने बताया कि उन्होंने कंबाइन मशीन से फसल कटवाई थी और उसे सूखने के लिए खेतों के किनारे रख छोड़ा था, लेकिन बारिश ने सारी फसल भिगो दी। त्रियुगी नारायण ने कहा कि अब सबसे बड़ी समस्या फसल को सुखाने की है, क्योंकि आसमान में लगातार बादल छाए हैं।
स्थानीय किसानों का कहना है कि इस समय ज्यादातर गांवों में फसल कटाई का काम चल रहा था। मजदूरों और मशीनों से फसल काटी गई थी, जिसे खलिहान या खेतों में सुखाने के लिए रखा गया था। मंगलवार भोर चार बजे से शुरू हुई बूंदाबांदी सुबह सात बजे तक जारी रही, जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसानों को सलाह दी गई है कि जहां संभव हो, वहां फसल को प्लास्टिक शीट या तिरपाल से ढककर सुरक्षित रखें और धूप निकलते ही सुखाने की व्यवस्था करें।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक आसमान में बादल छाए रहेंगे और रुक-रुक कर हल्की बारिश हो सकती है। ऐसी स्थिति में खेतों की नमी बढ़ेगी, जिससे नई बुवाई पर भी असर पड़ सकता है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, लगातार भीगने से धान में फफूंद लगने का खतरा रहता है, जिससे दाने काले पड़ जाते हैं और गुणवत्ता घट जाती है। यह न केवल उत्पादन पर असर डालेगा, बल्कि किसानों की आमदनी भी कम करेगा।
मेजा क्षेत्र के किसान अब आसमान की ओर नजरें लगाए हुए हैं—उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही धूप निकलेगी ताकि वे अपनी मेहनत की फसल को बचा सकें।
