इस आयोजन में पिछले साल के मुकाबले दीयों की संख्या बढ़ाई गई थी; 2022 में 22 लाख दीये जलाए गए थे। इस बार के आयोजन को भव्य बनाने के लिए 35 हजार वॉलंटियर्स ने काम किया, और कुल 91 हजार लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल हुआ। प्रत्येक दीये में लगभग 30 मिलीलीटर तेल भरा गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर में पहला दीप जलाकर इस समारोह की शुरुआत की और भगवान राम के राजतिलक के साथ एक भव्य शोभायात्रा का नेतृत्व किया। सरयू नदी के किनारे 1600 अर्चकों ने आरती की। हालांकि, जैसे ही दीये बुझ गए, घाटों पर एक अलग दृश्य देखने को मिला। आसपास के गरीब लोग, जिनमें बच्चे, महिलाएं, और बुजुर्ग शामिल थे, जले हुए दीयों से बचा हुआ सरसों का तेल इकट्ठा करने लगे। उनका कहना था कि महंगाई के कारण वे बाजार से 160 रुपये लीटर में सरसों का तेल खरीदने में सक्षम नहीं हैं। यह तेल उनके लिए दिवाली मनाने का साधन बन गया। लोग पुलिस की मौजूदगी के कारण जल्दी-जल्दी डिब्बों में तेल भरते दिखे। उनका कहना था कि यदि वे जल्दी नहीं करेंगे, तो पुलिस उन्हें वहां से हटा देगी।
यह दृश्य दीपोत्सव की चमक और वास्तविकता के बीच का एक मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करता है, जहां भव्य आयोजन के पीछे गरीबी से जूझ रहे लोग अपने साधनों को बेहतर बनाने की कोशिश में लगे थे।