
नगर परिषद बरगवां की लापरवाही, खुले में फेंका जा रहा मेडिकल वेस्ट कचरा
स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर मंडरा रहा खतरा
सिंगरौली। नगर परिषद बरगवां की लापरवाही अब लोगों की सेहत और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। बांध के किनारे खुले में कचरे का अंबार लगाया जा रहा है। इसमें न केवल घरेलू कचरा बल्कि अस्पतालों से निकलने वाला खतरनाक बायो मेडिकल वेस्ट भी फेंका जा रहा है। हालात यह हैं कि इस कचरे को आवारा पशु खा रहे हैं और उनकी लगातार मौतें हो रही हैं। यह नजारा न सिर्फ संवेदनहीनता दिखाता है बल्कि प्रशासनिक बेपरवाही की पोल भी खोलता है। खुले में पड़ा कचरा लगातार सड़ रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्र में दुर्गंध और प्रदूषण फैल रहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस कचरे से मच्छरों और कीटों की भरमार हो रही है, जो डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक बीमारियों को जन्म दे सकती है। वहीं, बायो मेडिकल वेस्ट के मिल जाने से संक्रमण और महामारी फैलने का खतरा और भी बढ़ गया है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, पानी के किनारे कचरा डंप किए जाने से बांध का जलस्तर और भूजल भी प्रदूषित हो सकता है। इससे आने वाले समय में न केवल ग्रामीण और शहरी आबादी को बल्कि कृषि कार्यों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
नियमों की उड़ रही धज्जियां जहां स्वच्छ भारत मिशन और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कानून स्पष्ट रूप से कहते हैं कि किसी भी हालत में खुले में कचरा या बायो मेडिकल वेस्ट डंप नहीं किया जा सकता। इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति से कचरा निस्तारण और उपचार की व्यवस्था जरूरी है। लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार इन नियमों की अनदेखी कर खुलेआम उनका उल्लंघन कर रहे हैं। सवाल यह है कि जब सरकार और प्रशासन लगातार स्वच्छता को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं, तब भी जमीनी स्तर पर हालात क्यों नहीं बदल रहे?
स्थानीय जनता में आक्रोश
स्थानीय लोग इस स्थिति से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह समस्या महामारी का रूप ले सकती है। बरगवां क्षेत्र के निवासी बताते हैं कि कई बार शिकायत करने के बावजूद नगर परिषद कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। लोगों ने साफ कहा कि प्रशासन और पर्यावरण विभाग तुरंत हस्तक्षेप करे, वरना वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे क्यों बैठे हैं? आम जनता की जिंदगी और पर्यावरण दोनों पर खतरा मंडरा रहा है, लेकिन नगर परिषद न तो वैकल्पिक डंपिंग व्यवस्था कर रही है और न ही कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण पर ध्यान दे रही है। जानकार मानते हैं कि अगर समय रहते स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह स्वास्थ्य आपदा का रूप ले सकती है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि – खुले में कचरा फेंकने की प्रथा पर तुरंत रोक लगे। बायो मेडिकल वेस्ट के लिए सुरक्षित और अलग से निस्तारण की व्यवस्था हो।