
दोस्ती की आड़ में 5 लाख की धोखाधड़ी, फरियादी ने एसपी से लगाई गुहार
सिंगरौली। दोस्ती और आपसी विश्वास की आड़ में 5 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक सिंगरौली से न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। फरियादी सुनील वर्मा पिता स्व. रामेश्वर प्रसाद वर्मा, निवासी पोस्ट ऑफिस रोड, प्लॉट नंबर 66, वार्ड 41, गनियारी, बैढ़न, जिला सिंगरौली (म.प्र.) ने बताया कि उनकी पहचान योगेन्द्र सिंह पिता स्व. चन्द्रशेखर सिंह (उम्र 38 वर्ष), पेशा-ठेकेदारी एवं दुकानदारी, निवासी ढोटी थाना विन्ध्यनगर, जिला सिंगरौली, मूल निवासी- कानपुर (उ.प्र.) से लंबे समय से थी। इसी भरोसे पर दिनांक 10 जनवरी 2022 को योगेन्द्र सिंह ने 5 लाख रुपये (4 लाख और 1 लाख रुपये) उधार लिए थे।
फरियादी के मुताबिक, इस रकम के एवज में योगेन्द्र सिंह ने अपने खाते से दो चेक दिए थे – ₹4,00,000/- का चेक यूनियन बैंक शाखा विन्ध्यनगर (चेक क्र. 226605), ₹1,00,000/- का चेक आईसीआईसीआई बैंक शाखा पानीपत (चेक क्र. 002556), लेकिन समय बीत जाने के बाद भी रकम वापस नहीं की गई। बैंक खातों की जानकारी लेने पर पता चला कि उसमें पैसा भी उपलब्ध नहीं है।
फरियादी ने बताया कि आरोपी बिना बताए 18 अप्रैल 2025 को सिंगरौली छोड़कर धौलपुर (राजस्थान) चला गया और उसका मोबाइल भी लगातार बंद आ रहा है। अब फरियादी ने आरोपी के आधार और मोबाइल नंबर के आधार पर लोकेशन ट्रेस करने की मांग की है, साथ ही धोखाधड़ी और छल-कपट करने वाले आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मीडिया में खबर प्रकाशित करने की अपील की है।
आपसी सहमति का दस्तावेज हुआ था तैयार
इधर आरोपी योगेन्द्र सिंह का लिखा सहमति/भागीदारी पत्र भी सामने आया है, जिसमें उसने स्वीकार किया है कि वह एनटीपीसी विन्ध्यनगर में सानवी इंटरप्राइजेज के नाम से ठेकेदारी करता है और साथ ही पेट्रोल पंप के पास इलेक्ट्रिकल की दुकान भी चलाता है। उसने माना कि व्यापारिक जरूरत पर वह समय-समय पर अपने घनिष्ठ मित्र सुनील वर्मा से पैसे लेता है और मुनाफे में 50% हिस्सा राजी-खुशी से देता है। दस्तावेज में यह भी लिखा गया है कि जो भी लेन-देन होता है, वह उसकी स्वेच्छा से होता है और इस पर सुनील वर्मा का कोई दबाव नहीं है। साथ ही उसने वादा किया था कि निवेश की गई पूंजी को बिल भुगतान होने पर 50% लाभ सहित लौटा देगा।
फरियादी की मांग
फरियादी ने एसपी से आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और छल-कपट की धाराओं में अपराध दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई अन्य व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार न हो।