सिंगरौली नगर निगम में चल रहा अवैध बैठकी वसूली का सिंडिकेट
ठेला व्यापारियों से रोजाना ₹50 से ₹200 तक वसूली
सिंगरौली। प्रदेश भर में बैठकी वसूली पर रोक के बावजूद सिंगरौली नगर निगम क्षेत्र में यह अवैध कारोबार न सिर्फ जारी है, बल्कि संगठित रूप ले चुका है। नगर निगम के नाम पर गठित कुछ कथित “स्थानीय गिरोह” प्रत्येक दिन फुटपाथ और ठेला दुकानदारों से ₹50 से ₹200 तक की रकम वसूल रहे हैं, और यह सिलसिला महीनों से चल रहा है।
जगह के हिसाब से तय है वसूली की दर
पड़ताल में यह तथ्य सामने आया है कि यह वसूली “एक रेट लिस्ट” के हिसाब से होती है मुख्य बाजार, अंबेडकर चौक और बस स्टैंड क्षेत्र में ₹150 से ₹200 तक, जबकि नव जीवन विहार, नवानगर, जयंत, मोरवा, परसौना इत्यादि इलाकों में ₹50 से ₹100 तक की वसूली की जा रही है। वसूली करने वाले लोग खुद को “नगर निगम के आदमी” बताते हैं ताकि कोई सवाल न उठाए। छोटे दुकानदारों ने बताया कि जो पैसा नहीं देता, उसकी दुकान हटवा दी जाती है या रोजाना परेशान किया जाता है। एक ठेला संचालक ने नाम नही छापने की शर्त पर रोते हुए कहा कि साहब, बैठकी तो सरकार ने बंद कर दी, पर हमारे लिए बंद नहीं हुई। हर दिन ₹100 देना पड़ता है, वरना ठेला उलट दिया जाता है।
फुटपाथ व्यापारियों की कमर टूटी
महंगाई और मंदी के बीच, फुटपाथी दुकानदारों की कमाई वैसे ही सीमित है। अब इन अवैध वसूली ने उनके लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल कर दिया है। दुकानदारों का कहना है कि यदि वे प्रशासन के पास शिकायत करने जाते हैं, तो अगले दिन उनकी दुकान पर दुगना दबाव बना दिया जाता है। एक महिला सब्ज़ी विक्रेता ने बताया हम डर के मारे कुछ नहीं बोलते, साहब! रोज का रोजाना गुज़ारा चलता है, पुलिस और नगर -निगम कोई सुनवाई नहीं करता। शहर के व्यापारिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि प्रशासन इस पूरे गिरोह की पहचान कर, FIR दर्ज करे और वसूली रद्द की जाए।
लोगों का कहना है कि यह न सिर्फ छोटे व्यापारियों की लूट है, बल्कि शासन के आदेशों की खुलेआम अवहेलना भी है। इन सबका यह भी कहना है कि सरकार तो आत्मनिर्भर भारत और स्ट्रीट वेंडर योजना चला रही है, पर ज़मीनी हकीकत यह है कि ठेलेवाले अब भी ‘वसूली टैक्स’ दे रहे हैं।
महापौर रानी अग्रवाल बोलीं जानकारी मिली है, जाँच कराएँगे
जब इस मामले में महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि हमें भी जानकारी मिली है कि कुछ लोग बैठकी के नाम पर वसूली कर रहे हैं। जबकि बैठकी जिले में पूरी तरह से बंद है। यह गंभीर मामला है, छठ पूजा के बाद इसकी जाँच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी। महापौर ने यह भी स्वीकार किया कि इस तरह की वसूली से नगर निगम की छवि धूमिल होती है और गरीब व्यापारियों पर अनावश्यक बोझ बढ़ता है।
आयुक्त सविता प्रधान का बयान जाँच के बाद सख्त कार्रवाई होगी
नगर निगम आयुक्त सविता प्रधान ने कहा कि बैठकी वसूली पर प्रदेश सरकार ने पहले ही रोक लगा दी है। अगर सिंगरौली में कोई भी ऐसा कर रहा है, तो वह पूरी तरह अवैध है। हम इस मामले की जाँच कर रहे हैं और दोषियों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाएगा।
