यदि एनसीएल ने वार्ता के लिए पहल नहीं की तो आगामी समय में मुख्यालय समेत एनसीएल का उत्खनन और प्रेषण रोक की जाएगी तालाबंदी-अमित तिवारी
एनसीएल विस्थापन नीति के खिलाफ मोरवा में हुई चेतावनी सभा

रविवार को बस स्टैंड मोरवा के समीप चेतावनी सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता सिंगरौली के पूर्व विधायक रामलल्लू बैस ने की। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित तिवारी, संगठन के प्रदेश महासचिव अधिवक्ता सत्येन्द्र पासवान, संगठन के महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सुशीला सिंह, वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद राजबहादुर पनिका, वार्ड क्रमांक 4 के पूर्व पार्षद विमल गुप्ता, मोरवा मंडल अध्यक्ष विनोद सिंह कुरूवंशी, झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील सिंह गहरवार, रंजीत शर्मा, राजेश गुप्ता, चंदन सिंह, संजीव सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए एनसीएल प्रबंधन के दोहरी नीति के विरोध में जमकर भड़ास निकालते हुए एनसीएल प्रबंधन को चेतावनी देते हुए लोगो के बीच अपनी बातें रखी। इस दौरान पूर्व विधायक रामलल्लू बैस ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि मोरवा की जनता एकजुट रहेगी तो एनसीएल को झुककर संपूर्ण लाभ देना पड़ेगा। उन्होंने बताया की उनके द्वारा विधायक रहते हुए सभी विस्थापन में पट्टेधारकों समेत शासकीय भूमि पर बसे लोगों को एक समान लाभ दिया गया। इतना ही नहीं वार्ड क्रमांक 10 में हुए विस्थापन के दौरान भी एनसीएल प्रबंधन द्वारा ही सभी को सामान आंकते हुए विस्थापित मानकर एक समान मुआवजा दिया गया, परंतु अब एनसीएल प्रबंधन दोहरी नीति अपना रहा है। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां के लोगों को सर्वप्रथम प्लाट की आवश्यकता है जो की सर्व सुविधा युक्त हो। वहां स्कूल, कॉलेज समेत सामुदायिक भवन, बस स्टैंड, मंदिर, मस्जिद इत्यादि का निर्माण किया जाए। इसके बाद ही स्थानीय लोगों को हटाने के बात सोची जाए। उन्होंने एनसीएल की नीति पर सवाल उठाते हुए स्थानीय लोगों से आग्रह किया की लोग नोटिस ना लें,जब तक कि वह आश्वस्त ना हो कि उन्हें क्या लाभ मिल रहा है। भरी सभा में पूर्व विधायक ने एनसीएल पर आरोप लगाते हुए यह कहा कि एनसीएल प्रबंधन कुछ चुनिंदा लोगों को छोड़कर सभी का नापी में कम रेट लगाकर कम मुआवजा बांटने के फिराक में है।
वही इस चेतावनी सभा का मार्गदर्शन कर रहे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित तिवारी ने अपनी उद्बोधन में कहा कि एनसीएल ब्रिटिश गवर्नमेंट के तर्ज पर फूट डालो और राज करो की नीति अपना रहा है। जिसने पहले यहां के लोगों के बीच फूट डाला और अब राज करने की फिराक में है। श्री तिवारी ने कहा कि आज राष्ट्रीय हित में मोरवा के लोग अपने घर, परिवार, समाज की बलि देने को तैयार परंतु एनसीएल भी स्थानीय लोगों के बारे में कुछ सोचें। उन्होंने शिक्षा पर सवाल करते हुए कहा कि यहां कई स्कूल एवं कॉलेज में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में है। जिनकी शिक्षा पर सवालिया निशान लग गया परंतु एनसीएल प्रबंधन समेत स्थानीय मंच इस विषय पर सोच नहीं ल रहे हैं, जो काफी चिंता नहीं है। उन्होंने एनसीएल प्रबंधन को चेताया कि पूर्व विधायक रामलल्लू बैस की मंशाअनुसार यदि आगामी 10 दिनों में एनसीएल प्रबंधन ने इस बारे में सोचते हुए बैठक कर अहम कदम नहीं उठाया तो आगामी दिनों में एनसीएल मुख्यालय में तालाबंदी समेत एनसीएल का कोल डिस्पैच व प्रोडक्शन बाधित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का संचालन राजेश गुप्ता द्वारा किया गया।
गौरतलब है कि कोल इंडिया की अनुषांगी कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड से कोयला की बढ़ती मांग को पूरा करने हेतु दूधिचुआ एवं जयंत परियोजना का विस्तार किया जाना है। 9 फरवरी 2024 को मोरवा के चटका, पंजरेह एवं मढौली परिक्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर धारा 9 प्रभावशील कर दी गई थी। इसके बाद से ही विभिन्न मंचों एवं जिला प्रशासन के साथ बैठक कर विस्थापन एवं पुनर्वास को लेकर रूपरेखा तय की गई। परंतु विस्थापन एवं पुनर्वास को लेकर मोरवा में शासकीय जमीनों पर लंबे समय से बसे परिवारों को एनसीएल की नीति रास नहीं आ रही। यहां इनका आरोप है एनसीएल प्रबंधन दोहरी नीति अपना रहा है। सरकारी भूमि पर बसे लोगों का मानना है कि पट्टेधारकों के तर्ज पर उन्हें भी वहीं लाभ व सुविधा मिलनी चाहिए। क्योंकि मोरवा के अन्य लोगों की तरह इन परिवारों को भी बेघर होने की त्रासदी झेलनी पड़ेगी। बताया जा रहा है कि एनसीएल प्रबंधन बहुत जल्दी ही नापी किए गए मकान की नोटिस जारी कर मुआवजा वितरण का कार्य शुरू करने वाला है। इसे देखते हुए रविवार शाम सिंगरौली के पूर्व विधायक रामलल्लू बैस के नेतृत्व में एक चेतावनी सभा आयोजित कर एनसीएल के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया गया।