सिंगरौली जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में, परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गंभीर आरोप
सिंगरौली। सिंगरौली जिले के खुटार क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की एक और शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। स्थानीय अमित क्लीनिक में इलाज के लिए लाई गई 26 वर्षीय गर्भवती महिला गुड्डी रावत की इलाज के दौरान दर्दनाक मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गुड्डी नौ महीने की गर्भवती थी और प्रसव के समय तबीयत बिगड़ने पर उसे इस क्लीनिक में लाया गया था, जहां इलाज के नाम पर लापरवाही हुई और उसने दम तोड़ दिया। इस क्लीनिक को एक कथित बंगाली डॉक्टर संचालित कर रहा था, जो न तो प्रशिक्षित डॉक्टर है और न ही उसके पास वैध पंजीयन का कोई प्रमाण मौजूद है। परिजनों ने इस मौत के लिए सीधे तौर पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
गुड्डी के परिजनों का कहना है कि “हम मजबूरी में गुड्डी को वहां लेकर गए, क्योंकि पास में कोई विकल्प नहीं था। अगर जिला स्वास्थ्य अधिकारी और बीएमओ समय रहते इन अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई करते, तो हमारी बेटी और बहू आज जिंदा होती।”
जिले में दर्जनों अवैध क्लीनिक संचालित
परिजन यह भी आरोप लगा रहे हैं कि जिले में अवैध रूप से दर्जनों क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, जिन्हें कथित रूप से जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि बंगाली डॉक्टरों और झोलाछापों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और वे धड़ल्ले से इलाज के नाम पर लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई या बयान सामने नहीं आया है। परिजनों ने मांग की है कि दोषी बंगाली डॉक्टर की गिरफ्तारी, क्लीनिक को तत्काल बंद कर सील करने की कार्रवाई, जिले में संचालित सभी निजी क्लीनिकों की तत्काल जांच की जायें।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, बल्कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती स्थिति की एक और भयावह तस्वीर भी पेश करती है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर एक और परिवार की जिंदगी यूं ही बर्बाद होती रहेगी।
