जनता की उम्मीद: अब न रुके सीधी–सिंगरौली की रफ्तार!
सीधी–सिंगरौली एनएच 39 फोरलेन का फाइनल राउंड, 11 नवंबर को खुलेगी तकनीकी बिड
सिंगरोली। सीधी–सिंगरौली के बीच निर्माणाधीन एनएच-39 फोरलेन मार्ग के बाकी काम के लिए अब नई निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुँच गई है। 11 नवंबर को तकनीकी बिड खोली जाएगी, जिसमें 105 किलोमीटर के अधूरे हिस्से, आरओबी, आरयूबी और पुल-पुलियों के निर्माण के लिए ₹455 करोड़ की लागत तय की गई है। पहले यह टेंडर 27 अक्टूबर को खुलना था जिसकी लागत ₹396 करोड़ रखी गई थी, लेकिन संशोधित अनुमान के बाद राशि बढ़ाकर ₹455 करोड़ कर दी गई। यदि सब कुछ सुचारु रहा तो नवंबर के आखिरी सप्ताह तक नया संविदाकार तय हो जाएगा। जनता को उम्मीद है कि 13 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा, अधूरे पुल–पुलियों और धूलभरे मोड़ों के बाद इस नवंबर की निविदा सड़क की किस्मत बदल देगी।
दो चरणों में खुलेगी बिड — नवंबर में तय होगा भाग्य
जानकारों के मुताबिक 11 नवंबर को तकनीकी बिड खुलने के एक सप्ताह के भीतर फाइनेंशियल बिड भी खोल दी जाएगी। इसके बाद मंत्रालय नवंबर के अंत तक उस कंपनी का नाम घोषित करेगा जो अब सीधी-सिंगरौली फोरलेन का उद्धार करेगी। इस बार निर्माण कार्य की अवधि 24 महीने और रखरखाव अवधि 5 वर्ष तय की गई है। यानी नया ठेकेदार कुल सात साल तक इस प्रोजेक्ट से जुड़ा रहेगा।
13 साल से लटकी सड़क पर भोपाल–दिल्ली तक चर्चा
करीब 13 वर्षों से बन रही यह 104 किलोमीटर की सड़क अब केवल सिंगरौली–सीधी ही नहीं बल्कि भोपाल से लेकर दिल्ली तक चर्चाओं में है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस बार सख्त मॉनिटरिंग और पारदर्शी व्यवस्था के साथ निर्माण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। निर्णय लिया गया है कि शुरुआत में काम उन स्थानों से होगा जहाँ आवागमन बाधित है, ताकि जनता को तत्काल राहत मिल सके।
पहले दुरुस्त होंगे मुश्किल मोड़ और नाले
प्राथमिकता सूची में शामिल स्थान: खाखर नाला, नौढ़िया आरओबी, परेवा नाला, कुशवई आरओबी, भूसा मोड़ आरयूबी, चटका नाला और झिंगुरदह की पहाड़ी। इन सभी जगहों पर पहले छह महीनों में निर्माण एवं मरम्मत का कार्य किया जाएगा। साथ ही, गैमन इंडिया के पुराने निर्माणकाल में बनी और अब जर्जर हो चुकी सड़कों की भी मरम्मत की जाएगी ताकि पूरी फोरलेन एक समान रूप में तैयार हो सके।
मल्टी-एक्सल ट्रकों के विश्राम स्थल भी बनेंगे
इस बार फोरलेन के किनारे भारी वाहनों (मल्टी-एक्सल ट्रक) के लिए विशेष विश्राम स्थल (Truck Lay-Bay) भी बनाए जाएंगे। ब्रेकडाउन या ट्रैफिक जाम की स्थिति में ट्रकों को इन स्थलों पर ले जाकर मुख्य मार्ग को सुचारु रखा जा सकेगा।यह सुविधा खास तौर पर सिंगरौली के कोयला परिवहन क्षेत्रों में विकसित की जाएगी।
इस बार सख्त निगरानी में चलेगा निर्माण
निर्माण कार्य की गति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण कंपनी, निर्माण एजेंसी और एमपीआरडीसी के बीच समन्वय प्रणाली बनाई गई है।सड़क परिवहन मंत्रालय ने भी इस टेंडर को “अंतिम निर्णायक चरण” बताया है — यानी इस बार काम आधा नहीं, पूरा होगा। इससे पहले टीबीसीएल कंपनी ने ₹415 करोड़ की निविदा को 20% बिलो में डालकर ₹332 करोड़ में काम लिया था, परंतु दो साल की जगह चार साल से कैम्प करने के बाद भी आधा काम पूरा नहीं हो पाया। इस बार मंत्रालय ने ऐसी गलती न दोहराने का प्रण लिया है।
