गडरा गांव में हुई वारदात क्या है सोची समझी रणनीति या फिर आदिवासी के साथ हुए अन्यायपूर्ण व्यवहार का बदला
संवाददाता :- मुस्ताक अहमद
न्यूज़ मध्यप्रदेश मऊगंज :- नवीन जनपद की जहां एक साथ कई पुलिस कर्मी को दौड़ा दौड़ा कर आदिवासी द्वारा मारा गया साथ ही में एक एस आई की जान चली गई एसडीएम अंकित सूल्या को जिन्दा जलाने की खुलेआम धमकी।
बता दें बात यह समझ में नहीं आती है की आखिरकार में गडरा गांव में इतनी बड़ी घटना को आज़म किस के सहयोग पर हुई क्या राजनीतिक तंत्र अपने वोटबैंक के लिए निशाना साधा या फिर आदिवासी द्वारा घटना को आज़म देने में उनके साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार का प्रतिशोध था ,अब तक नहीं सुलझी गुत्थी जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
आखिरकार जब पुलिस सुरक्षित नहीं है तो जनता की क्या सहयोग कर पाएगी मध्यप्रदेश पुलिस पर लगा प्रश्न चिन्ह ।

एसडीओपी को पहले ही दी गई थी हिंसा की चेतावनी लेकिन किया दिया गया नज़र अंदाज़ !
प्रशासन को कई बार सतर्क करने की कोशिश की थी। दूरभाष के माध्यम से एसडीओपी को बार-बार फोन किया गया था कि इलाके में स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। सवाल यह उठता है कि *अगर समय रहते कदम उठाए जाते, तो क्या एक एएसआई की शहादत और एक युवक की हत्या रोकी नहीं जा सकती थी?*
मऊगंज हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा
मऊगंज हिंसा और हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. इस बवाल में एसडीओपी अंकिता शूल्या को आरोपियों ने बंधक बना लिया था और जला डालने की धमकी दी थी. आरोपियों की मांग थी कि पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों को छोड़ा जाए. हालांकि DIG-SP ने आरोपियों को छोड़ने के लिए कहा, लेकिन एसडीओपी अंकिता शूल्या ने आरोपियों को छोड़ने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद पुलिस जवानों ने सतर्कता से कार्रवाई करते हुए उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।
गडरा गांव इलाके में फैली सनसनी
एसपी रसना ठाकुर ने कहा, ‘अब तक 20 आरोपियों को राउंडअप किया गया है. इस मामले में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते है. फिलहाल जांच जारी है. फरियादी की जब्त की गई रायफल आरोपियों के पास पाई गई थी.’
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. वहीं इस घटना से इलाके में सनसनी फैली हुई है.
कैसे शुरू हुई पुलिस पर हमला करने की वारदात
एसडीओपी अंकिता सूल्याने बताया “15 मार्च को पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी कि शाहपुर थाना क्षेत्र के गडरा गांव में एक युवक को बंधक बना लिया गया है. इसके बाद थाना प्रभारी द्वारा बातचीत करके मामले को सुलझाने का प्रयास किया या. जब सफलता नहीं मिली तो सीनियर अधिकारियों को सूचना देते हुए टीम के साथ वह मौके पर रवाना हुईं. घटनास्थल पर पहुंचकर देखा कि सनी द्विवेदी को आदिवासी परिवार के लोगों ने कमरे में बंधक बनाकर रखा था. टीम द्वारा समझाने का प्रयास किया गया और एक घंटे बाद वह मान भी गए ।
तहसीलदार व एसआई सहित कई पुलिसकर्मी घायल
बता दें कि इससे पहले हलमावरों ने तहसीलदार पनिका, एसडीओपी अंकिता सूलया, शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारतीय, एएसआई जवाहर सिंह यादव, पुलिसकर्मी ब्रहस्पति पटेल सहित एसएएफ के जवान को बंधक बना लिया था. बंधक बनाए गए तहसीलदार सहित एसडीओपी, थाना प्रभारी और पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की गई. एएसआई रामचरण गौतम की गंभीर चोंट लगने से मौत हो गई है. तहसलीदार व एसआई सहित कई पुलिस वाले घायल हो गए ।
एस आई (ASI) रामचरण गौतम की बेरहमी से हत्या
आरोपियों ने जब दरवाजा खोला तो देखा बंधक बनाए गए सनी द्विवेदी की मौत हो चुकी थी. जिसके बाद पुलिस ने मौके से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसी दौरान हत्या के आरोपियों ने अपराधियों और रिश्तेदार के साथ मिलकर पुलिस टीम पर पथराव कर दिया. उनकी कोशिश थी कि पुलिस अपराधियों की गिरफ्तार न कर पाए. इसी दौरान कुछ पुलिसकर्मी अपराधियों को लेकर बाहर निकल गए, जबकि कुछ पुलिसकर्मी और तहसीलदार गंभीर रूप से घायल हो गए. इनमें से एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई.।
सरकार द्वारा वर्तमान पदस्थ जिला अधिकारी अजय श्रीवास्तव एवं एसपी रसना ठाकुर एवं का हटाकर नवीन जिला अधिकारी संजय कुमार जैन एवं पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सोनी को कमान सौंपी गई अब देखना यह है की इस गुत्थी को सुलझा कर सच सामने लाया जाता है या फिर अनसुलझी पहेली ही बनकर रह जाएगी मऊगंज गडरा गांव की हत्याकांड जनता का फिर से क्या प्रशासन भरोसा पा सकती है या नहीं जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
