काशी विश्वनाथ की नगरी में जलती चिंताओं के बीच परंपरा के अनुसार जमकर मनाईं गई भस्म की होली
संवादाता (उ.प्र.) वाराणसी :- वाराणसी में भस्म की अनोखी होली को हर कोई अपने कैमरे में कैद करता रहा, तो वही धधकती चिताओं के बीच भस्म से देव रूपी कलाकार होली के रंग में रंगे नजर आए।
रंगोत्सव के त्योहार होली को लेकर देशभर में उत्सव है, चारों ओर रंग-गुलाल से दिशायें कलरफुल हो रही हैं।
ऐसे में काशी विश्वनाथ की जलती चिताओं के बीच भस्म से होली खेलने को लेकर खासा उत्साह दिखा।
यहां अनोखी होली खेलने की परंपरा है, जिसमें बडी संख्या में वाराणसी के हरिश्चंद्र श्मशान घाट में विश्वनाथ भगवान को लुभाने युवा एकत्रित हुए और जमकर होली खेली।
इस मौके पर बडी संख्या में विदेशी पर्यटकों और युवक-युवतियों की टोली झूमते नजर आए।
चिता भस्म की होली को लेकर पर्यटकों में क्रेज
शमशान घाट में जलती हुई चिताओं के पास राख से खेले गए होली के अद्भुत नजारे को देख देशी–विदेशी पर्यटक रोमाचितं थे।
लोगों ने भस्म होली का नजारा जब अपनी आंखों से देखा तो हैरान नजर आए इस मौके पर काफी चकित रहे।
दिल्ली से आए पर्यटकों की माने तो उन्होंने काशी के चिता भस्म की होली के बारे में सुना और पढ़ा है, लेकिन आज जब इसे उन्होंने अपनी आंखों से देखा तो वह काफी हैरान रहे।
इस मौके पर भगवान शिव के गण के रूप में निकली टोली खास आकर्षण का केंद्र रहा, जिसे देखने के लिए काशी की सड़कों के साथ गंगा घाट पर लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
काशी नगरी में स्थित बाबा कीनाराम आश्रम से देवी–देवता के साथ भगवान शिव के गण का रूप धारण किए कलाकारों की टोली हरिश्चंद्र घाट के लिए रवाना हुई।
रास्ते में भक्ति गीतों पर झूमते नाचते हुए कलाकारों के साथ युवाओं की टोली श्मशान घाट पहुंची।
हरिश्चंद्र घाट पर बाबा मोहन नाथ का आशीर्वाद लेकर कलाकार और युवाओं की टोली जलती हुई चिताओं के पास पहुंचे और चिताओं के राख से होली खेली।