सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अंजनी साकेत पर कार्रवाई की तैयारी, ग्रामीणों ने लगाए लापरवाही और नशे में रहने के आरोप — जिले में शिक्षकों के विवादित वीडियो का यह पहला मामला नहीं।
संवाददाता – मुस्ताक अहमद
सादिका पवित्र – (मऊगंज)।- मऊगंज जिले से एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक शराब के नशे में टल्ली होकर स्कूल गेट के पास अर्धनग्न अवस्था में पड़े नजर आ रहे हैं। यह दृश्य देखकर ग्रामीणों में रोष है और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
सादिका पवित्र वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
स्कूल परिसर के बाहर नशे में धुत मिले शिक्षक-
मामला शासकीय प्राथमिक विद्यालय नौढियॉं प्रहलाद का बताया जा रहा है, जहां पदस्थ शिक्षक अंजनी साकेत गुरुवार को शराब के नशे में बेसुध होकर स्कूल के बाहर जमीन पर पड़े मिले। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, उनकी हालत इतनी खराब थी कि उनके आधे कपड़े तक उतर गए थे और उन्हें होश तक नहीं था। यह दृश्य किसी ने मोबाइल में कैद कर लिया और देखते ही देखते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

ग्रामीण बोले — “अक्सर रहते हैं नशे में”-
ग्रामीणों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब अंजनी साकेत को नशे की हालत में देखा गया हो। लोग बताते हैं कि वे कई बार स्कूल के समय में भी शराब के नशे में आते हैं और बच्चों के सामने अनुचित व्यवहार करते हैं। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग से कई बार की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब जब वीडियो वायरल हुआ, तब जाकर अधिकारियों की नींद टूटी है।
शिक्षा विभाग ने कही कड़ी कार्रवाई की बात-
मामले की जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पूरे प्रकरण की जांच के लिए टीम गठित की जा रही है और शिक्षक पर निलंबन सहित सख्त कार्रवाई की तैयारी है।
अधिकारियों का कहना है कि “ऐसे शिक्षकों से शिक्षा व्यवस्था की छवि धूमिल होती है, इसलिए किसी भी हाल में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
लगातार विवादों में मऊगंज के शिक्षक-
यह पहला मामला नहीं है जब मऊगंज जिले के किसी शिक्षक का वीडियो वायरल हुआ हो। इससे पहले भी जिले के कई स्कूलों के शिक्षकों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। किसी वीडियो में शिक्षक कक्षा में सोते नजर आए, तो कहीं शादी-ब्याह के कार्यक्रमों में आर्केस्ट्रा पर थिरकते हुए।
इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि जिले में शिक्षा का स्तर सुधारने के बजाय लापरवाही और गैरजिम्मेदारी लगातार बढ़ रही है।
मध्यप्रदेश की शिक्षा की साख पर दाग-
जहां एक ओर सरकार “शिक्षा का अधिकार” और “बेटी पढ़ाओ” जैसी योजनाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है, वहीं ऐसे शिक्षक पूरे तंत्र की साख को धूमिल कर रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग है कि सिर्फ निलंबन नहीं बल्कि स्थायी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और शिक्षक इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।
