मौत के शहर में ट्रेलर ने ली एक और जान,,! सड़क मार्ग से कोयला परिवहन हो बंद: सिंगरौलीवाशी
8 घंटे तक गुस्साए लोगों ने सड़क पर किया चक्का जाम
सिंगरौली जिले में सड़क मार्ग से कोल परिवहन की लापरवाहियों का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। आज परसौना–बरगवां मार्ग पर एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जब तेज रफ्तार कोल ट्रेलर ने बाइक सवार युवक को कुचल दिया। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान नौगई निवासी आर्यन शाह उम्र 14 वर्ष के रूप में हुई है। जहां हादसा से लोगों का गुस्सा फूटा जहां पर यह दर्दनाक घटना राजा सरई पेट्रोल पंप के पास हुई। जानकारी के मुताबिक मृतक अपनी बाइक से परसौना से बरगवां की ओर जा रहा था, तभी पीछे से आ रहे कोल ट्रेलर ने उसे जोरदार टक्कर मार दी और कुचल डाला। हादसे के बाद चालक ट्रेलर छोड़कर मौके से फरार हो गया। घटना की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर जुट गए। गुस्साए ग्रामीणों ने मृतक का शव बीच सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया और कोल परिवहन कंपनियों व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत से कोल परिवहन नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है, जिसका नतीजा आमजन को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति को काबू करने की कोशिश शुरू कर दी। वहीं प्रशासन ने लोगों को समझाइश देने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। 8 घंटे की जाम के बाद मृतक के परिजनों को 6 लाख का मुआवजा, दोषी ट्रेलर चालक की गिरफ्तारी और प्रतिबंधित रूट से हो रहे कोल परिवहन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। उसके बाद जाम खुल पाया।
संरक्षण का आरोप
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि अधिकारियों के संरक्षण में कोल परिवहन हो रहा है। कमीशन के लालच में सभी नियम-कायदे ताक पर रख दिए जाते हैं। जबकि तत्कालीन कलेक्टर ने स्पष्ट आदेश दिया था कि शहर से होकर कोल ट्रेलर नहीं गुजरेंगे, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में वाहन शहर से होकर दिन-रात गुजरते हैं और सड़क हादसों का सबब बनते हैं।
संघर्ष पदयात्रा से जुड़ा आंदोलन
इधर, स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सिंगरौली संयुक्त संघर्ष मंच ने “संघर्ष पदयात्रा” शुरू की है। 24 अगस्त को इसका पहला चरण दुधीचुआ रेलवे पुल से माजन मोड़ तक सफलतापूर्वक निकाला गया, जिसमें बड़ी संख्या में आमजन और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। मंच के संयोजक बबलू सिंह ने कहा कि यह आंदोलन बच्चों की सुरक्षित आवाजाही और जिले में लागू नो-एंट्री के नए आदेश को वापस लेने की मांग के लिए है। अब इसका दूसरा चरण 25 अगस्त को सुबह 9 बजे माजन मोड़ से शुरू होकर नवजीवन बिहार निकाला गया। मंच ने जिलेवासियों से अपील की सड़क मार्ग से हो रहा कोल परिवहन हमारी लाशों से होकर पहुंच रहा है इसको बंद किया जाये लेकिन प्रशासन ने आज तक ध्यान नहीं दिया।
सवालों के घेरे में प्रशासन
लगातार हो रहे सड़क हादसों और कोल ट्रेलरों की लापरवाह आवाजाही ने जिला प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जब शहर से कोल परिवहन पर प्रतिबंध है, तो फिर रोजाना हजारों ट्रेलर सड़कों पर मौत का तांडव क्यों कर रहे हैं? क्या प्रशासन सिर्फ आदेश जारी करने तक सीमित है और जमीनी स्तर पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही? आज का हादसा एक बार फिर यह संदेश दे गया कि जब तक प्रशासन और पुलिस मिलकर सख्ती से कोल परिवहन पर नियंत्रण नहीं करेंगे, तब तक सिंगरौली की सड़कों पर मौत का साया मंडराता रहेगा।
