
रिटायरमेंट की नोटिस नहीं मिलने से महिला करती रही ड्यूटी, नहीं मिला वेतन तब हुई जानकारी
सिंगरौली में विभागीय लापरवाही का मामला, रिटायरमेंट के 5 महीने बाद भी करती रही ड्यूटी
सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रिटायरमेंट के बाद 5 महीने तक काम करती रही. जब वह बैंक गई तो पता चला कि उसका वेतन नहीं आ रहा है. विभाग से इसकी जानकारी मांगने पर पता चला कि वह 5 महिने पूर्व ही रिटायर हो चुकी है बिना कोई नोटिस रिटायर होने की बात सुन महिला को बहुत बड़ा झटका लगा। अब वह न्याय के लिए अपने पति के साथ दर-दर भटक रही है। इस पर जिला परियोजना अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
मार्च में ही पूरा हो गया था कार्यकाल
दरअसल, सरई तहसील क्षेत्र के गोंडबहरा गांव निवासी 62 वर्षीय चंद्रवसिया यादव की महिला विकास विभाग में 1991 में नियुक्ति हुई थी। उनका कार्यकाल मार्च 2025 में पूरा हो गया और वे रिटायर हो गईं लेकिन इसकी सूचना उन्हें नहीं दी गई, जिससे उन्हें कुछ पता ही नहीं चला। इसके कारण रिटायरमेंट अवधि के बाद 5 माह बीत गया और चंद्रवसिया यादव अगस्त तक काम करती रहीं. जब वह बैंक गईं तो बताया गया कि उनका वेतन नहीं आया है जिससे परेशान होकर चंद्रवसिया यादव विभाग के कार्यालय पहुंचीं. यहां वे तब हैरान रह गईं जब उन्हें पता चला कि 5 माह पूर्व ही उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है।
बैक डेट में रिटायरमेंट लेटर जारी करने का आरोप
5 माह पहले कार्यकाल पूरा हो जाने की बात सुनने के बाद चंद्रवसिया यादव को बहुत बड़ा झटका लगा. उन्होंने बताया कि 5 महीने तक उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला, जिससे वह काम करती रहीं. नोटिस नहीं मिलने के कारण वह 28 अगस्त तंक अपनी ड्यूटी कर रही थीं. जब ये मामला हाइलाइट हुआ तो सेवानिवृति का लेटर जारी कर दिया गया, जिसमें पत्र जारी करने की तारीख 22 मई 2025 डाल दी गई. इस पर आरोप लगाया जा रहा है कि जल्दबाजी में बैक डेट में रिटायरमेंट लेटर जारी किया गया और 28 अगस्त को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सौंप दिया गया।
जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन
जारी किए गए लेटर पर यह भी सवाल किया जा रहा है कि जब महिला का रिटायरमेंट मार्च में ही होना था, तो जारी किए गए रिटायरमेंट लेटर में 22 मई क्यों लिखा गया है. यानी की रिटायरमेंट के 2 महीने बाद की तारीख लेटर पर क्यों डाली गई? फिलहाल इस मामले के सामने आने के बाद महिला बाल विकास के जिला परियोजना अधिकारी जितेंद्र गुप्ता ने कहा, “इसकी जांच की जाएगी. जांच के बाद उचित कार्रवाई होगी।
ज्यादा किए गए काम के लिए वेतन की मांग
विभाग से कोई सूचना नहीं मिलने पर रिटायरमेंट के 5 माह बाद 28 अगस्त 2025 तक चंद्रवसिया सेवा देती रहीं. अब वह अपने पति वंशपति यादव के साथ दर-दर भटक रही है और न्याय के लिए गुहार लगा रही है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चंद्रवसिया यादव ने कहा, “5 माह तक विभाग ने कोई सूचना नहीं दी और मैं लगातार अपना काम करती रही. अब तक जितने दिन काम किया है, उसका पूरा वेतन दिया जाए. इसके साथ-साथ विभाग के द्वारा रिटायरमेंट के तौर पर एक एकमुश्त दिए जाने वाले अनुदान राशि भी जल्द दी जाए. इसके साथ लापरवाह अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाए।