पांच महिला अधिवक्ता भी शामिल | फुल कोर्ट मीटिंग में सर्वसम्मति से लिया गया फैसला | इलाहाबाद और लखनऊ दोनों पीठों के अधिवक्ता सम्मानित
ब्यूरो- रवि शंकर गुप्ता
हाईकोर्ट प्रयागराज।- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी फुल कोर्ट मीटिंग में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 90 अधिवक्ताओं को ‘सीनियर एडवोकेट’ के रूप में नामित किया है। इन अधिवक्ताओं में पांच महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं। यह फैसला न्यायपालिका में कानूनी उत्कृष्टता, अनुभव और विविधता को सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

यह नामांकन इलाहाबाद और लखनऊ—दोनों पीठों के लिए किया गया है। यह अब तक के सबसे बड़े बैचों में से एक है, जिसमें विधि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अधिवक्ताओं को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया है।
सीनियर एडवोकेट का दर्जा—कानूनी पेशे में सर्वोच्च सम्मान-
सीनियर एडवोकेट का दर्जा अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 16 तथा इंदिरा जयसिंग बनाम भारत का सर्वोच्च न्यायालय (2017) के फैसले में निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत दिया जाता है।
यह उपाधि उन अधिवक्ताओं को दी जाती है, जिन्होंने कम से कम 10-15 वर्षों तक विधिक सेवा में रहकर संवैधानिक, दीवानी, फौजदारी या सेवा मामलों में विशेषज्ञता हासिल की हो और समाजहित में प्रो बोनो कार्य के साथ विधिक विकास में योगदान दिया हो।
इलाहाबाद मुख्य पीठ के अधिवक्ता जिन्हें सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला-
इस सूची में प्रमुख नाम शामिल हैं —
अजय कुमार सिंह, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, आलोक कुमार यादव, अमित कृष्ण, अनीता त्रिपाठी, अनुपम कुलश्रेष्ठ, अनुराग पाठक, अर्चना सिंह, आशीष कुमार सिंह, इमरान उल्लाह, कृष्ण मोहन मिश्रा, महेंद्र प्रताप, मुख्तार आलम, निपुण सिंह, प्रदीप अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, राजकुमार खन्ना, संजीव सिंह, सुशील कुमार शुक्ला, विक्रांत राणा आदि।
(कुल 69 अधिवक्ता इलाहाबाद पीठ से नामित हुए हैं।)
लखनऊ खंडपीठ से चयनित वरिष्ठ अधिवक्ता –
लखनऊ बेंच से 21 अधिवक्ता सीनियर एडवोकेट के रूप में चयनित हुए हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं —
अलका वर्मा, अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी, आनंदमणि त्रिपाठी, अरुण सिन्हा, बृजेश कुमार शुक्ला, ध्रुव माथुर, गौरव मेहरोत्रा, हरेंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, प्रशांत सिंह अटल, प्रीतिश कुमार, राकेश कुमार चौधरी, समीर कालिया, संजय गोस्वामी, शरद पाठक, सुदीप कुमार, वैभव कालिया, विनोद कुमार शाही और यदुकुल शिरोमणि श्रीवास्तव।
महिला अधिवक्ताओं की उपलब्धि-
इस वर्ष पांच महिला अधिवक्ताओं को भी सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया है, जो न्यायिक प्रणाली में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और नेतृत्व का प्रतीक है।
न्यायपालिका की सराहनीय पहल-
कानूनी समुदाय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह निर्णय कानूनी उत्कृष्टता और समान अवसरों को बढ़ावा देने वाला है। इससे युवा अधिवक्ताओं को भी प्रेरणा मिलेगी कि मेहनत, निष्ठा और न्याय के प्रति समर्पण से वे भी इस मुकाम तक पहुंच सकते हैं।
