
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर एकजुट हुए शिक्षक, कहा– 20-25 साल सेवा देने के बाद टीईटी थोपना सरासर अन्याय
संवाददाता – संजीव सिंह
बलिया। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर सोमवार को पूरे देश के साथ बलिया जनपद में भी शिक्षकों ने टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद की। जिला संयोजक राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुँचकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
जिला संयोजक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2010 से पहले सभी नियमों के तहत हुई, उन्हें अब 20-25 साल की सेवा के बाद जबरन टीईटी परीक्षा में बाँधना बेहद अन्यायपूर्ण है। उन्होंने प्रधानमंत्री से शिक्षकों की गरिमा व मान-सम्मान बचाने की अपील की।
जिला सहसंयोजक प्रमोद कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एकतरफा और शिक्षक विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो शिक्षक दिल्ली तक आंदोलन करेंगे। वहीं ज्ञान प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि भारत सरकार के राजपत्र में स्पष्ट है कि 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य नहीं है, बावजूद इसके नियमों को बदलना शिक्षकों के साथ विश्वासघात है।
इस मौके पर समीर कुमार पाण्डेय, अमरेंद्र सिंह, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, अकीलुर्रहमान खान, विनय राय, राकेश मौर्य, उमेश राय, अभिषेक सिंह, संजीव रंजन, कृष्णानंद पाण्डेय, राजीव सिंह समेत सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे। शिक्षकों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।