
शंकरगढ़ समाधान दिवस: राजस्व मामलों की भरमार, अधिकारियों की अनुपस्थिति से निस्तारण प्रभावित
रिपोर्ट – शिवम् शुक्ला
प्रयागराज। शंकरगढ़ थाने में शनिवार को आयोजित संपूर्ण थाना समाधान दिवस राजस्व विभाग से जुड़ी शिकायतों का अंबार लेकर आया। कुल 19 शिकायती प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से मात्र 3 मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया जा सका। शेष शिकायतें लंबित रहीं, जिनमें एनटीपीसी, भड़िवार, शिवराजपुर, जोरवट, कपारी, लेदर और जनवा जैसे क्षेत्रों से जुड़े भूमि विवादों का बोलबाला रहा।
मौके पर मौजूद राजस्व निरीक्षक, लेखपाल और थाना स्टाफ में एसआई मानवेंद्र सिंह, मुनेश सिंह, अभिनव उपाध्याय (एनटीपीसी चौकी), वैशाली अग्रहरि, सुष्मिता मौर्य, उमेश बाजपेई, ऋषभ पटेल और शिवम नामदेव जैसे अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी से समाधान की उम्मीद बंधी, लेकिन तहसील के उच्चाधिकारियों की अनुपस्थिति ने पूरे आयोजन को खानापूर्ति बना दिया।
स्थानीय लोगों का मानना है कि थाना समाधान दिवस का उद्देश्य यदि सिर्फ उपस्थितियों की सूची भरना रह गया है, तो यह आम जनता की समस्याओं से विश्वासघात जैसा है।
लगातार बढ़ते राजस्व संबंधी विवाद और उनका समाधान न हो पाना इस ओर इशारा करता है कि तहसील प्रशासन भूमि विवादों के निस्तारण को लेकर गंभीर नहीं है। थाना समाधान दिवस हो या तहसील समाधान दिवस, प्रशासनिक रवैये में एकरूपता दिखाई दे रही है — और वह है ढुलमुलपन।
❓ सवाल जो उठते हैं:
क्या समाधान दिवसों का उद्देश्य अब सिर्फ आंकड़े जुटाना भर रह गया है?
क्या राजस्व विभाग की कार्यशैली जांच के दायरे में नहीं आनी चाहिए?
प्रशासन की निष्क्रियता जनता के न्याय के अधिकार का हनन नहीं है?