
ग्राम पंचायत विसहिजन खुर्द में विकास कार्य ठप – लाखों खर्च कर बना पंचायत भवन सुनसान, प्रधान–सचिव और बीडीओ पर उठे सवाल पंचायत भवन पर लाखों खर्च, लेकिन जनता को सुविधा शून्य – कागज़ी कामों तक सिमटी ग्राम पंचायत व्यवस्था
प्रयागराज (मेजा)।- पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के नाम पर सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए करोड़ों की योजनाएँ चलाईं और ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनवाए। लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। मेजा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत विसहिजन खुर्द का पंचायत भवन आज उपेक्षा और लापरवाही का प्रतीक बन गया है।
लाखों रुपये की लागत से बना पंचायत भवन अब सिर्फ इमारत बनकर रह गया है। न तो यहाँ पंचायत की नियमित बैठके होती हैं और न ही ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान। ग्रामीणों का कहना है कि यह भवन सिर्फ चुनाव के समय या कागज़ी खानापूर्ति में ही दिखता है, जबकि असल में यहाँ ताले ही जड़े रहते हैं।
विसहजिन ग्राम पंचायत में प्रधान–सचिव की मनमानी
ग्राम प्रधान सुषमा देवी और पंचायत सचिव शिवांगी पांडेय पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान अपने घरेलू कार्यों में व्यस्त रहती हैं और पंचायत भवन आना उनके लिए प्राथमिकता में नहीं है। सचिव महीनों तक लापता रहती हैं और एक-दो महीने में कभी-कभार आकर सिर्फ खानापूर्ति कर जाती हैं।
सहायक क्षिप्रा मौर्या ने भी माना कि सचिव की मौजूदगी पंचायत भवन में बेहद कम रहती है। यही वजह है कि योजनाओं की समीक्षा नहीं हो पाती और न ही सरकारी लाभ समय पर ग्रामीणों तक पहुंच रहा है।
बीडीओ साहब की चुप्पी
सबसे बड़ी लापरवाही मेजा ब्लॉक स्तर पर देखने को मिल रही है। बीडीओ साहब भी इस मामले में पूरी तरह मौन हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जब ब्लॉक अधिकारी ही कार्रवाई नहीं करेंगे तो प्रधान और सचिव क्यों काम करेंगे? बीडीओ की चुप्पी ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्राम प्रधान एवं सचिव पर ग्रामीणों का गुस्सा
ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि विकास योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। पंचायत भवन, जो ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान और योजनाओं की समीक्षा का केंद्र होना चाहिए था, अब सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है।
एक ग्रामीण ने गुस्से में कहा – “सरकार ने लाखों रुपये खर्च कर भवन तो बना दिया, लेकिन यह भवन अब केवल फोटो खिंचवाने और अधिकारियों के निरीक्षण में दिखाने लायक रह गया है। यहां जनता की समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं है।” उच्च अधिकारीयों से सचिव शिवांगी पाण्डेय एवं ग्राम प्रधान पर उचित कार्यवाही की मांग की कर रही है।
राज पंचायत जिम्मेदारों पर उठे सवाल
अब बड़ा सवाल यह है कि जब प्रधान और सचिव अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे, और ब्लॉक अधिकारी भी चुप हैं, तो आखिर ग्राम पंचायत विसहिजन खुर्द का विकास कैसे होगा? क्या पंचायती राज विभाग इस लापरवाही पर कभी कार्रवाई करेगा या फिर ग्रामीणों की समस्याएँ यूं ही अनसुनी रह जाएँगी?