
जियावन थाना क्षेत्र में फ़िर शुरू हुआ अवैध रेत का क़ारोबार, जिम्मेदारों ने दी खुली छूट
नए थाना प्रभारी के जाते ही मजौना व सहुआर में पाठक गैंग सक्रिय !
सिंगरौली जिले का जियावन थाना क्षेत्र रेत माफियाओं का अड्डा बन गया है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पूरे प्रदेश में रेत उत्खनन पर रोक के बावजूद देवसर में रेत माफियाओं का बोलबाला थम नहीं रहा है। हैरानी की बात यह है कि राजस्व और पुलिस विभाग रेत माफियाओं के आगे घुटने टेक चुका है। रात के 9 बजते ही आसपास के गांवों में कई दर्जन ट्रैक्टर रेत चोरी करने लगते हैं।
स्थानीय जानकार बताते हैं कि थाना प्रभारी के आने के बाद युवाओं को खुला संरक्षण मिला और मजौना व सहुआर में रेत माफियाओं का साम्राज्य स्थापित हो गया। आसपास के गांवों के कई बेरोजगार युवाओं ने रेत चोरी को अपनी आजीविका का साधन बना लिया। स्थानीय महान नदी से रेत चोरी करके सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाना उनके लिए आम बात हो गई। देवसर के राजस्व और पुलिस अधिकारियों से लेकर खनिज विभाग तक, सभी ने समय-समय पर इसमें खूब सहयोग भी किया। कभी प्रशासन पर पैसे लेकर रेत चोरी कराने का आरोप लगा तो कभी जनप्रतिनिधियों पर रेत चोरी करवाने का। लेकिन रेत का यह खेल रुका नहीं।
सूत्रों की माने तो पुलिसिया रुबाब का जरा सा भी खौफ रेत माफियाओं में नहीं है। दरअसल इसके पीछे की मुख्य वजह जियावन पुलिस द्वारा माफियाओं को खुला संरक्षण देना भी माना जा रहा है। माना तो ऐसा भी जा रहा है कि अवैध रेत कारोबारीयों में इतना दम नहीं है कि वह बगैर पुलिस का संरक्षण प्राप्त किए बेधड़क बिना टीपी और रॉयल्टी के परिवहन कर सकें,किंतु जियावन थाना क्षेत्रांतर्गत ऐसा ही होता नजर आ रहा है।
माफिआयों के हौसले बुलंद
इस अवैध रेत परिवहन को लेकर काफ़ी चर्चा क्षेत्र मे हो रहा है, आम जन का कहना है की जब पुलिस प्रशासन ध्यान नहीं देगी तो अवैध करोबार तो बढ़ेगा ही। स्थानीय लोगों का कहना है कि,इसे लेकर कई बार प्रशासन तक पहुंचाया गया है फिर भी इस पर कोई अंकुश लगाने की बात नहीं कही गई है ।
कार्यवाही के नाम पर होती है खानापूर्ति
जियावन थाना क्षेत्र में रेत चोरी का धंधा कई महीने से चल रहा है लेकिन जियावन पुलिस कार्यवाही तभी करती है जब कार्यवाही का बहुत अधिक दबाव होता है। ताज्जुब की बात यह है कि पुलिस इधर खानापूर्ति करती है और उधर रात भर माफिया रेत की चोरी करते हैं।
पूर्व में हो चुके है कई हादसे
जब-जब अवैध ट्रैक्टरों द्वारा कोई बड़ा हादसा होता है तब प्रशासन के द्वारा नाम मात्र की कार्रवाई कर दी जाती है बाकी तो बेखौफ होकर माफिया अवैध रेत का परिवहन करते हैं चर्चा यह भी है कि अवैध कारोबार करने के लिए पुलिस खुला संरक्षण देती है। अवैध ट्रैक्टरों के द्वारा पूर्व में कई ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिसमें कई घरों का चिराग बुझ गया है कई लोग अस्पताल में का चक्कर लगा रहे हैं फिर भी प्रशासन की नीद नहीं खुल रही,अगर कार्रवाई शून्य है तो आम जनता भी अब जान चुकी है पुलिस सुस्त है। अब देखना होगा जियावन थाना क्षेत्र के अवैध कारोबारी पर एसडीओपी, थाना प्रभारी मिलकर अंकुश लगा पाते हैं या फिर पुलिस से बढ़कर माफियाओं के हौसले रहेंगे।