सोशल मीडिया पर हुई पहचान ने युवती की जिंदगी को बना दिया भय और अपमान का प्रतीक; आरोपी युवक ने दोस्तों संग रची साजिश, वीडियो बनाकर दबाव बनाया, अब थाने में गूंजी पीड़िता की चीख — पुलिस ने शुरू की जांच
ब्यूरो – रवि शंकर गुप्ता
प्रयागराज (मऊआइमा)।:- सोशल मीडिया पर की गई दोस्ती कब खतरनाक जाल बन जाए, यह घटना उसका जीवंत उदाहरण है। प्रयागराज के मऊआइमा थाना क्षेत्र में एक युवती के साथ इंस्टाग्राम के ज़रिए दोस्ती करने वाले युवक ने दोस्तों और भाई की मदद से दुराचार किया। आरोप है कि वारदात के दौरान वीडियो बनाकर उसे वायरल कर दिया गया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है और लोगों में आक्रोश है।
पीड़िता की तहरीर के अनुसार, 30 अक्तूबर की शाम आरोपी युवक ने इंस्टाग्राम चैट के माध्यम से उसे “जरूरी बात” के बहाने एक स्कूल के पास बुलाया। युवती के वहां पहुंचते ही दो अन्य युवक पहले से मौजूद थे। आरोप है कि तीनों ने युवती को जबरन पकड़ लिया और स्कूल के एक कमरे में बंद कर दिया। अंदर आरोपी युवक ने उसके साथ दुराचार किया, जबकि बाकी दोनों आरोपी दरवाजे को बाहर से बंद कर भाग गए।
युवती के शोर मचाने पर आरोपी ने अपने भाई को फोन कर बुलाया, जिसने दरवाजा खोला। उसी वक्त युवक ने धमकी दी कि उसका अश्लील वीडियो बना लिया गया है, अगर उसने पुलिस में शिकायत की तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा और जान से मार देंगे। पीड़िता के अनुसार, आरोपियों ने उसके साथ अमानवीय बर्ताव किया और बाद में वीडियो वायरल भी कर दिया।
इस घटना के बाद युवती गहरे सदमे में चली गई। लोकलाज और डर के कारण वह दो दिन तक थाने नहीं पहुंची। रविवार को जब वीडियो वायरल हो गया और मामला परिवार के सामने आया, तब परिजन उसे लेकर मऊआइमा थाने पहुंचे। वहां युवती ने आरोपी युवक, उसके दो दोस्तों और भाई के खिलाफ नामजद तहरीर दी।
मऊआइमा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज अवस्थी ने बताया कि, “पीड़िता की शिकायत दर्ज कर ली गई है। आरोपियों के खिलाफ दुराचार, धमकी और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
इस घटना ने इलाके में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब अपराधियों के लिए “शिकार का मैदान” बनते जा रहे हैं। ऐसे मामलों में पुलिस को त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए ताकि समाज में भय और न्याय दोनों कायम रहे।
यह मामला सिर्फ एक युवती की पीड़ा नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी है — डिजिटल युग में दोस्ती से पहले सोचें, हर “ऑनलाइन पहचान” असली नहीं होती। सोशल मीडिया पर सावधानी ही सुरक्षा है।
