सिविल लाइंस में जुटे गंगापार और यमुनापार के किसान, कृषि व सिंचाई विभाग के अफसरों पर लगाए लापरवाही के आरोप, तहसील और जिला स्तर पर सुनवाई न होने से नाराजगी प्रयागराज में किसानों का प्रदर्शन, प्रशासन पर बरसे नेता
ब्यूरो रिपोर्ट
(उ.प्र.) प्रयागराज। गंगापार –शहर के सिविल लाइंस इलाके में सोमवार को किसानों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। पत्थर गिरजाघर के आसपास किसानों की भीड़ ने प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। खाद-बीज की किल्लत, बेसहारा मवेशियों के आतंक, नहरों में पानी की कमी और बिजली कटौती जैसी समस्याओं को लेकर किसानों ने अपनी भड़ास खुलकर निकाली।
मौका था भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की आयोजित किसान महापंचायत का, जिसमें प्रयागराज मंडल के विभिन्न क्षेत्रों — गंगापार और यमुनापार — से सैकड़ों की संख्या में किसान पहुंचे।
खाद, बीज और मवेशियों की समस्या से परेशान किसान
किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। कई गांवों में खाद और बीज की भारी किल्लत है। सहकारी समितियों पर किसानों को लाइन में लगना पड़ता है, लेकिन मनमाने तरीके से वितरण किया जा रहा है।
बेसहारा मवेशियों से फसलों को लगातार नुकसान पहुंच रहा है। रात-दिन खेतों की रखवाली करनी पड़ती है, फिर भी फसलें बच नहीं पातीं। किसानों ने कहा कि सरकार ने वादे तो बहुत किए लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार नहीं हुआ ।
कृषि और सिंचाई विभाग के अफसरों पर जमकर बरसे किसान
महापंचायत में शामिल किसानों ने कृषि और सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि नहरों में पानी की आपूर्ति मनमाने ढंग से की जाती है।
जब फसलों को पानी की जरूरत होती है, तब नहरें सूखी रहती हैं, और जब नहीं चाहिए तब पानी छोड़ा जाता है। इससे सिंचाई प्रभावित होती है और फसलें खराब होती हैं।
किसानों ने यह भी कहा कि बिजली कटौती ने नलकूप चलाना मुश्किल बना दिया है, जिससे सिंचाई पर दोहरी मार पड़ रही है।
किसानों की सुनवाई कहीं नहीं — किसानोंकी का आरोप
किसानों ने बताया कि तहसील से लेकर जिला स्तर तक कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। शिकायतें दर्ज कराने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती।
भू-माफिया और दलालों के हौसले बुलंद हैं, जो गरीब किसानों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। सरकारी भूमि पर भी अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
यूनियन नेताओं ने दिया संघर्ष का आह्वान-
महापंचायत में शामिल भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नेताओं ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर प्रशासन को बार-बार चेताया गया, लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ा।
नेताओं ने किसानों से एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील की और कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
किसानों ने जताई चेतावनी-
किसानों ने साफ कहा कि अगर खाद-बीज की आपूर्ति सुचारू नहीं हुई, बिजली कटौती बंद नहीं हुई और नहरों में समय पर पानी नहीं छोड़ा गया तो आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन किया जाएगा, उनका कहना था कि कृषि क्षेत्र की अनदेखी का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, इसलिए अब चुप बैठना विकल्प नहीं है।
प्रयागराज में किसानों का यह प्रदर्शन प्रशासनिक लापरवाही और कृषि संकट की गहराती जमीनी हकीकत को उजागर करता है। खाद-बीज की किल्लत, सिंचाई व्यवस्था की दुर्दशा और अधिकारियों की उदासीनता ने किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया है। यूनियन नेताओं ने साफ चेतावनी दी है — अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
