 
        रत्यौरा करपिया गांव में अधिवक्ताओं की पिटाई: शिकायत की जांच के दौरान रोजगार सेवक ने अधिकारियों के सामने किया हमला
संवाददाता – सुरेश चंद्र मिश्रा
कोरांव (प्रयागराज)।- कोरांव थाना क्षेत्र के रत्यौरा करपिया गांव में गुरुवार दोपहर एक गंभीर घटना सामने आई, जहां जांच के दौरान अधिवक्ताओं पर हमला कर दिया गया। आरोप है कि गांव के रोजगार सेवक प्रवीण कुमार पाण्डेय ने अपने परिजनों के साथ मिलकर अधिवक्ता रजनीश कुमार मिश्र, अश्वनी कुमार तिवारी, अरुण कुमार तिवारी और मनोज कुमार के साथ जमकर मारपीट की। यह पूरा घटनाक्रम जांच के लिए पहुंचे सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और ग्राम विकास अधिकारी की मौजूदगी में हुआ, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
शिकायत के आधार पर चल रही थी जांच-
अधिवक्ता रजनीश कुमार मिश्र और उनके सहयोगी अधिवक्ता अश्वनी कुमार तिवारी ने कुछ दिन पहले रोजगार सेवक प्रवीण कुमार पाण्डेय के खिलाफ भ्रष्टाचार, कदाचार और विकास कार्यों में अनियमितताओं की शिकायत पुलिस और आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराई थी।
इसी शिकायत के आधार पर गुरुवार को जांच टीम गांव पहुंची थी। ग्राम विकास अधिकारी ने अधिवक्ता रजनीश मिश्र को फोन कर मौके पर बुलाया, ताकि वे भी अपने साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें।
जैसे ही अधिवक्ता रजनीश मिश्र गांव पहुंचे, वहां पहले से मौजूद रोजगार सेवक प्रवीण पाण्डेय ने कथित तौर पर अभद्र भाषा में गाली-गलौज शुरू कर दी। देखते ही देखते वह अपने परिजनों और समर्थकों के साथ अधिवक्ताओं पर टूट पड़ा।
जांच टीम के सामने ही हुई मारपीट-
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह मारपीट इतनी अचानक हुई कि जांच अधिकारी भी हैरान रह गए।
अधिवक्ता रजनीश मिश्र और उनके साथियों को लाठी-डंडों से पीटा गया, जिससे चारों को चोटें आईं।
सूत्रों का कहना है कि हमले के दौरान ग्राम विकास अधिकारी ने बीच-बचाव का प्रयास किया, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
ग्रामीणों के बीच इस घटना से भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि यदि सरकारी जांच टीम के सामने अधिवक्ताओं पर हमला हो सकता है, तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित रहेंगे?
पुलिस से की गई शिकायत, मेडिकल कराया गया-
घटना के बाद घायल अधिवक्ता किसी तरह कोरांव थाना पहुंचे और थाना प्रभारी राकेश कुमार वर्मा को घटना की पूरी जानकारी दी।
उन्होंने हमलावरों के खिलाफ लिखित तहरीर दी, जिसमें रोजगार सेवक प्रवीण पाण्डेय, उसके परिजनों और कुछ अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है।
थाना प्रभारी ने घायलों का मेडिकल परीक्षण कराया है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले की प्राथमिक जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
अधिवक्ताओं ने जताई नाराजगी-
घटना से नाराज अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए, अधिवक्ता रजनीश कुमार मिश्र ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है — रोजगार सेवक प्रवीण पाण्डेय पहले भी उनसे विवाद कर चुका है और मारपीट की कोशिश की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी अपनी सरकारी नौकरी का दुरुपयोग कर रहा है और ग्राम पंचायत में कई विकास कार्यों में गड़बड़ी कर रहा है।
अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
प्रशासन ने कहा — दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
इस घटना पर कोरांव के थाना प्रभारी राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि अधिवक्ताओं की शिकायत प्राप्त हुई है।
मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारियों के सामने मारपीट होना बेहद गंभीर मामला है, इसलिए पुलिस निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगी।
ग्रामीणों में दहशत, पंचायत विकास कार्यों पर सवाल
घटना के बाद रत्यौरा करपिया गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि रोजगार सेवक के खिलाफ पहले भी अनियमितताओं की शिकायतें की गई थीं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
लोगों का कहना है कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को धमकाया जा रहा है, जिससे गांव के लोग खुलकर शिकायत करने से डरते हैं।
कोरांव में हुई यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि सरकारी सिस्टम के अंदर व्याप्त दबंगई और भ्रष्टाचार की झलक भी पेश करती है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन आरोपियों के खिलाफ क्या ठोस कदम उठाता है।

 
         
         
        