ऑटो सवार गिरोह ने बेहोशी की दवा सुंघाई, गुप्तांग में करंट और पिटाई के बाद जबरन ट्रांसफर कराए रुपये — महिला बुलाकर बनाए आपत्तिजनक वीडियो; आगरा पुलिस ने प्रयागराज का मामला बता कर हाथ झाड़े
ब्यूरो-रवि शंकर गुप्ता
आगरा – प्रयागराज – आगरा निवासी आर्मी बेस वर्कशॉप कर्मचारी के साथ प्रयागराज में हुए अपहरण और अमानवीय यातनाओं का सनसनीखेज मामला सामने आया है। न्यायालय से लौटते समय ऑटो में बैठे कर्मचारी को गिरोह ने बेहोशी की दवा सुंघाकर अगवा कर लिया। इसके बाद उन्हें एक फ्लैट में ले जाकर घंटों तक बंधक बनाए रखा गया, क्रूर तरीके से यातनाएँ दी गईं और गन प्वाइंट पर लाखों रुपये वसूले गए। मामला सामने आने के बाद भी स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, जिससे पीड़ित न्याय के लिए भटकने को मजबूर है।
पीड़ित के अनुसार, 26 नवंबर को वह विभागीय मामले में तारीख पर ट्रिब्यूनल कोर्ट प्रयागराज गए थे। सुनवाई के बाद दोपहर करीब 2:45 बजे वह रेलवे स्टेशन जाने के लिए न्यायालय के बाहर खड़े ऑटो में बैठे। ऑटो में पहले से एक व्यक्ति बैठा था और कुछ ही देर में दूसरा युवक भी आ गया। रास्ते में बातचीत के दौरान बदमाशों ने उन्हें कुछ सुंघा दिया, जिसके बाद वे बेहोश हो गए।
रात करीब 11 बजे होश आने पर वह खुद को एक बंद फ्लैट में बंधा हुआ पाया, जहां वही युवक फोन पर किसी से बात करते हुए खुद को लखनऊ में होने की बात कह रहा था। इसके बाद पीड़ित पर यातनाओं का सिलसिला शुरू हुआ—गुप्तांग में करंट लगाया गया, बेरहमी से मारपीट की गई और धमकाकर 11 लाख रुपये उनके खातों से ट्रांसफर कराए गए। बदमाशों ने उनकी तीन सोने की अंगूठियाँ, आधार कार्ड, डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी छीन लिए।
यहीं नहीं, पीड़ित पर दबाव बढ़ाने के लिए कमरे में एक महिला को बुलाया गया। महिला के साथ उनकी आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बनवाए गए और जबरन एक कागज पर लिखवाया गया कि वह महिला से संबंध होने के कारण पैसे और अंगूठियाँ दे रहे हैं। इससे पीड़ित को भविष्य में ब्लैकमेल करने की भी मंशा साफ दिखाई देती है।
अगले दिन बदमाश उन्हें कार में ले जाकर एक सुनसान इलाके में फेंककर फरार हो गए। किसी तरह घर पहुंचकर उन्होंने 28 नवंबर को एकता थाने में शिकायत दर्ज करानी चाही, लेकिन थाना पुलिस ने घटना स्थान प्रयागराज बताते हुए हाथ खड़े कर दिए और वहाँ शिकायत करने की सलाह दी। पीड़ित ने अब पुलिस आयुक्त कार्यालय में प्रार्थनापत्र देकर पूरे गिरोह पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
गंभीरता इस बात की है कि अपहरण, कृत्य, ठगी और ब्लैकमेलिंग जैसी कई धाराओं के बावजूद अब तक FIR न होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि जब तक मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, ऐसे गिरोह बेखौफ होकर आम लोगों को शिकार बनाते रहेंगे।
