नगर निकायों, पंचायतों और जिला परिषदों में महिला पदाधिकारियों के कार्यों में अब नहीं चलेगा पतियों और परिजनों का दखल, अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन के निर्देश
ब्यूरो – रवि शंकर गुप्ता
सादिका पवित्र – प्रयागराज। – उत्तर प्रदेश में निकायों और पंचायतों के कामकाज में अब पार्षद, ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्यों के पतियों या अन्य रिश्तेदारों की मनमानी नहीं चलेगी। निदेशक नगर निकाय अनुज झा ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के कार्यों में किसी रिश्तेदार या प्रतिनिधि की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित है।
निदेशक ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों, अधिशासी अधिकारियों और निकाय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सुनिश्चित करें कि न तो पतियों और न ही किसी अन्य व्यक्ति को निर्वाचित महिला पदाधिकारी की जगह बैठकों या नीतिगत निर्णयों में शामिल होने दिया जाए। आदेश का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
यह आदेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में जारी किया गया है। आयोग ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि कई जगहों पर निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों की शक्तियों का उपयोग उनके पुरुष रिश्तेदार कर रहे हैं — जिससे महिला सशक्तीकरण की भावना को ठेस पहुँचती है।
निदेशक अनुज झा ने कहा कि यह निर्णय महिला नेतृत्व को मजबूत करने और उन्हें निर्णय प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका दिलाने के लिए लिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजने के निर्देश भी दिए हैं।
प्रयागराज की हकीकत:-
नगर निगम प्रयागराज में तो स्थिति और भी चिंताजनक है। यहां कई वार्डों में महिला पार्षदों के पति या रिश्तेदार ही बैठकों में भाग लेते हैं और अधिकांश कार्य उन्हीं के माध्यम से संचालित होते हैं। हालात इतने बिगड़े हैं कि कई वार्डों के मतदाता अपने क्षेत्र की महिला पार्षद का नाम तक नहीं जानते।
सदन की बैठक में भी कई महिला पार्षद अनुपस्थित रहती हैं और केवल कार्यकारिणी चुनाव में वोट देने के लिए ही निगम आती हैं। अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव ने कहा कि “निदेशक द्वारा जारी आदेश महिला सशक्तीकरण की दिशा में अहम कदम है। इसे सख्ती से लागू किया जाएगा ताकि निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी और अधिकार स्वयं निभा सकें।”
