सिंगरौली जिले में यूरिया खाद की कालाबाजारी का मामला गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, खाद्य विभाग के कुछ अधिकारी निजी व्यापारियों के साथ मिलकर किसानों के लिए आवंटित खाद को अधिक कीमत पर बेचने में संलिप्त हैं। इस कथित साठगांठ के चलते जिले के कई क्षेत्रों में खाद की किल्लत देखी जा रही है, जिससे किसान परेशान हैं। जानकारी के मुताबिक, सरई, गजरबहारा, बरका, महुआगांव, बरिगमा, रजमीलान, माडा, चितरंगी, देवसर, खुटार और सिंगरौली जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर खाद की कालाबाजारी हो रही है। आरोप है कि खाद्य विभाग के अधिकारी सरकारी सहकारी समितियों को खाद उपलब्ध कराने के बजाय, इसे निजी दुकानदारों को सौंप रहे हैं, जो इसे मनमाने दामों पर बेचा जा रहा है।
सरई मुख्य बाजार में यूरिया खाद की कालाबाजारी पर सरई थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह भदोरिया के नेतृत्व में पुलिस ने कार्रवाई की है। इस कार्रवाई ने न केवल कालाबाजारियों में हड़कंप मचा दिया, बल्कि किसानों के दिलों में भी राहत और उम्मीद की किरण जगा दी।
क्या है पूरा मामला?
लंबे समय से सरई बाजार में यूरिया खाद की कालाबाजारी का गोरखधंधा चल रहा था। सरकारी दर पर 266 रुपये प्रति बोरी मिलने वाली यूरिया खाद को व्यापारी 450 रुपये में बेच रहे थे, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था। इसकी भनक सरई पुलिस को लगी, और त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लगभग 600 बोरी यूरिया खाद से लदा UP72AT3456 एक वाहन जब्त कर लिया। आखिर कर सवाल ये है कि इतनी भारी मात्रा में यूरिया खाद एक व्यापारी के पास कहां से आई? क्या इस काले कारोबार में बड़े अधिकारियों की मिलीभगत है? क्या खाद्य विभाग इस मामले की गहराई से जांच करेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगा?
किसानों की मांग और राहत की उम्मीद–
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि जब्त की गई यूरिया खाद को नजदीकी सहकारी समितियों में स्थानांतरित किया जाए, ताकि उन्हें उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध हो सके। किसानों का कहना है कि सहकारी समितियों में यूरिया का भंडारण अपर्याप्त होने के कारण उन्हें निजी दुकानों से दोगुने दाम पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ता है। यदि जिले में कालाबाजारी पर पूरी तरह लगाम लग जाए, तो किसानों को उचित मूल्य पर पर्याप्त खाद मिल सकता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
जिले में कालाबाजारी का जाल और गहरा है? उम्मीद है कि खाद्य विभाग और प्रशासन इस मामले की तह तक जाकर सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेगा। सरई पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने किसानों को लूट से बचाने का एक मजबूत संदेश दिया है, और अब निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
