थाना प्रभारी के आदेश को ठेंगा दिखा रहे कोल ट्रांसपोर्टर और एनसीएल दुद्धीचुआ प्रबंधन
शक्तिनगर, सोनभद्र-सिंगरौली सीमा। शक्तिनगर थाना क्षेत्र में पुलिस प्रशासन के स्पष्ट निर्देशों और बार-बार दिए गए आदेशों के बावजूद कोल ट्रांसपोर्टरों और एनसीएल दुद्धीचुआ प्रबंधन द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है। कोल परिवहन में लगे ट्रक व ट्रेलर मुख्य मार्ग पर अनियंत्रित रूप से खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस आदेशों की उड़ती धज्जियाँ: मुख्य मार्ग बना कोल ट्रांसपोर्ट की ‘पार्किंग’
जयंत-शक्तिनगर मुख्य मार्ग अब कोल परिवहन करने वाले ट्रकों और ट्रेलरों का अस्थायी ‘पार्किंग जोन’ बन चुका है। ट्रकों की लंबी कतारें न सिर्फ जाम की समस्या पैदा कर रही हैं, बल्कि सड़क के दोनों ओर कीचड़ और फिसलन के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी लगातार बना हुआ है।
प्रशासनिक निष्क्रियता या मिलीभगत?
स्थानीय लोग और जागरूक नागरिक अब यह सवाल उठाने लगे हैं कि जब पुलिस और प्रशासन के पास आदेश देने की ताक़त है, तो फिर कार्रवाई से परहेज़ क्यों किया जा रहा है? क्या कोल माफियाओं और ट्रांसपोर्ट लॉबी का दबाव प्रशासन पर हावी है? आमजन खुलेआम कहने लगे हैं – “अंधेर नगरी चौपट राजा” जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।
दिखावे की मुस्तैदी, ज़मीनी हकीकत अलग
बीते दिनों क्षेत्राधिकारी के निरीक्षण के दौरान कोतवाल व पुलिस बल पूरी मुस्तैदी से मौजूद रहे, लेकिन आम दिनों में इनकी गैरमौजूदगी साफ देखी जा सकती है। यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या पुलिस सिर्फ उच्च अधिकारियों को दिखाने के लिए ही सक्रिय होती है?
मैत्री द्वार बना मौत का द्वार, लोगों की जान खतरे में
शक्तिनगर स्थित मैत्री द्वार के पास कीचड़ और अव्यवस्थित ट्रकों के कारण हालात भयावह हो गए हैं। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और आम राहगीर जोखिम भरे रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं। बारिश में कीचड़ के कारण कई दुपहिया वाहन फिसल चुके हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है।
एनसीएल सुरक्षा विभाग की कोशिशें धरी की धरी, पुलिस की चुप्पी खल रही
एनसीएल सुरक्षा विभाग समय-समय पर व्यवस्था सुधारने का प्रयास करता है, लेकिन पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता उनके प्रयासों पर पानी फेर देती है। यदि ट्रकों को समय पर हटाया जाए और यातायात नियंत्रण के पुख़्ता इंतज़ाम हों, तो आमजन को राहत मिल सकती है।
जन आक्रोश बढ़ा, कार्रवाई की मांग तेज
स्थानीय सामाजिक संगठनों, व्यापारियों और आम नागरिकों ने इस मुद्दे को लेकर आवाज़ बुलंद की है। सभी की एक ही मांग है – “प्रशासन जागे और दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए।” यदि प्रशासन ने शीघ्र कोई कठोर कदम नहीं उठाया, तो जनता सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होगी।
सोनभद्र-सिंगरौली सीमा क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही और कोल परिवहन माफियाओं की मनमानी अब जन-जीवन को प्रभावित करने लगी है। प्रशासन के लिए यह समय चेत जाने का है, वरना आने वाले समय में हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं।
इनका कहना है।
जब इस सम्बन्ध में एनसीएल की दुद्धीचुआ परियोजना के सुरक्षा प्रमुख शैलेन्द्र श्रीवास्तव से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि अभी एक तरफ की रोड में कुछ काम चल रहा है जो आज शायद आज पूरा हो जायेगा। उसके बाद कल से ये परेशानी नहीं होगी।
