प्रयागराज, संगम अपडेट 4 अगस्त — संगम नगरी प्रयागराज इस वक्त भयंकर बाढ़ की चपेट में है। गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को जलस्तर खतरे के निशान 84.734 मीटर को पार कर गया और रविवार दोपहर तक यह लगभग एक मीटर ऊपर दर्ज किया गया।

अब हालात ऐसे हैं कि बाढ़ का पानी केवल निचले क्षेत्रों तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि राजापुर, छोटा बघाड़ा, गंगानगर जैसी रिहायशी कॉलोनियों को भी अपनी चपेट में ले चुका है। कई घरों में पानी भर गया है और लोग अपने जरूरी सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। कुछ नावों के सहारे तो कुछ पैदल ही जान बचाने के प्रयास में लगे हैं।
1978 और 2013 की भयावह यादें ताजा
स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस बार की बाढ़ ने 1978 की त्रासदी की याद दिला दी है, जब जलस्तर 88 मीटर तक पहुंच गया था। 2013 में भी 86 मीटर तक जलस्तर दर्ज किया गया था और शहर गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था।
राहत एवं बचाव कार्य तेज़
स्थिति को गंभीर देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बीते तीन दिनों से लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। जिला प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में कंट्रोल रूम, राहत शिविर और चिकित्सा केंद्रों की स्थापना की है, जहां भोजन, पेयजल और दवाओं की व्यवस्था की गई है।
जलस्तर में अब भी वृद्धि की आशंका
सिंचाई विभाग के मुताबिक, फिलहाल जलस्तर में वृद्धि का रुझान बना हुआ है। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रखा है और हालात पर 24 घंटे नजर बनाए हुए है।
कॉलोनियों में पसरा सन्नाटा
गंगानगर की गलियों और घरों में पानी घुस चुका है। घरों में पसरा सन्नाटा, बिखरे सामान और लाचारी का मंजर देखने वालों की आंखें नम कर देता है। कई परिवार अब सरकारी राहत शिविरों या रिश्तेदारों के घरों में शरण लिए हुए हैं।
