सिंगरौली जिलें में एक तरफ जहां प्रदेश सरकार गरीबों के लिए एयर एंबुलेंस सुविधा और हेलीकॉप्टर से इलाज के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर सिंगरौली जिले के चितरंगी इलाके से आई एक तस्वीर इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। सड़क नहीं होने के कारण एक महिला को घर में ही प्रसव कराना पड़ा और जुड़वा बच्चियों को जन्म देने के कुछ घंटों बाद एक बच्ची की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, धानी गांव निवासी बृहस्पति कोल की पत्नी गल्लू देवी को शुक्रवार शाम प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन इलाके में न तो सड़क है और न ही समय पर कोई एंबुलेंस सेवा उपलब्ध हो सकी। मजबूरन महिला को घर में ही डिलीवरी करानी पड़ी। जन्म के कुछ ही घंटों बाद एक बच्ची की मौत हो गई।
शनिवार सुबह स्थानीय समाजसेवी कुलदीप पाठक को जब जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत परिवार से संपर्क कर महिला को अस्पताल ले जाने की सलाह दी। मगर दुरुस्त सड़क और एंबुलेंस की अनुपलब्धता के चलते परिजन महिला को खाट पर लिटाकर दो किलोमीटर पैदल चलते हुए सड़क तक लाए और फिर किसी तरह ऑटो से कोरसर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।
इस दर्दनाक घटना का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। खास बात यह है कि यह इलाका पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह का गृह ग्राम क्षेत्र भी है, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि जब मंत्री जी अपने गांव की बुनियादी सड़क नहीं बनवा सकीं तो पूरे प्रदेश की स्थिति कैसी होगी?
प्रदेश की जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था, टूटी सड़कें और खोखले सरकारी दावों की यह एक बानगी भर है, जो बता रही है कि विकास केवल नारों और विज्ञापनों में है, जमीन पर नहीं।
