तेंदूपत्ता ठेकेदार ने नहीं खरीदी एक लाख से अधिक गड्डियां
जिले के बरगवां रेंज में पूर्वी वन क्षेत्र के गोरवानी समिति क्षेत्र अंतर्गत सेंदूरी भीखा झरिया है, जहां तेंदूपत्ता का एक फड़ संचालित किया गया था। तेंदूपत्ता तोड़ने वाले आदिवासी श्रमिकों का आरोप है कि हमारी गोरवानी समिति के फड़ से 1 लाख 87 हजार तेन्दूपत्ता की गड्डियों को खरीदने से इंकार कर दिया है। यानि अन्य पांच फड़ों में भी लगभग इतना ही कुल साढ़े आठ लाख गड्डी तेंदूपत्ता को लेने से मना कर दिया है। इस मामले में आदिवासी श्रमिकों का आरोप है कि ठेकेदार की तानाशाही के वजह से आज भी साढ़े आठ लाख तेंदूपते की गड्डियां लगभग 18 दिन से जल्फाडोल और गोरा फड़ में पड़ी हुई हैं। जिन्हें उन्होंने एक-एक पत्ता तोड़कर, पूरे परिवार के साथ गिनकर और गड्डी बनाकर सूखने के लिए रखा हुआ था। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार के द्वारा मना कर देने से उनकी मजदूरी का नुकसान होगा। ठेकेदार तानाशाही भरा रवैय्या अपना रहा है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश बना हुआ है। उनका कहना है कि हमने अपने आप से तुड़ाई नहीं की है, इसलिए ठेकेदार इस पत्ते को खरीदे और हम लोगों को मजदूरी दे।
जिला कलेक्टर से की है शिकायत
बताया गया कि इन फड़ों में काम करने वाले फड़मुंशी, सरपंच व ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की है। इसके साथ ही कहा है कि हमारे द्वारा संग्रहीत पत्तियों की जांच की जाए, गड्डियों का सत्यापन नहीं किया गया और न ही इनका पंचनामा बनाया गया है। वन मंडल अधिकारी पत्तों का सत्यापन कराएं और उचित मजदूरी का भुगतान कराएं।
गुणवत्ताविहीन पत्ते किए गये हैं रिजेक्ट
ग्रामीणों की शिकायत उपरांत वन विभाग ने उक्त मामले में कहा है कि जांच पड़ताल के बाद जो पत्ते रिजेक्ट हैं। उसे ठेकेदार नहीं खरीदता है, उन्ही पत्तों को खरीदने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। रिजेक्ट किया गया पत्ता बीड़ी बनाने के लिए उपयुक्त नहीं होता है, इसलिए नहीं लिया जा रहा है। लगभग प्रत्येक वर्ष इस प्रकार की समस्याएं आती हैं और जबरन खरीद का दबाव बनाया जाता है।
जनप्रतिनिधियों से भी की शिकायत
तेंदूपत्ता संग्राहकों ने क्षेत्रीय सांसद, विधायक एवं वन विभाग के डिपो सिंगरौली से लगातार गुहार लगा रही है कि तोड़े हुए पत्ती की जांच कर पत्ती लिया जाए। गरीबों की मेहनत को दरकिनार कर उनका तेंदूपता नहीं लिया जा रहा है। ठेकेदार की मनमानी और सरकारी लापरवाही की वजह से गरीबों का निवाला छीना जा रहा है। वन मंडल अधिकारी को एक शिकायत पत्र लिखा गया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि वन परिक्षेत्राधिकारी पूर्व सरई और अध्यक्ष, प्रबंधक द्वारा बिना फड़ों का निरीक्षण किए और बिना सूचना विए पंचनामा तैयार किया गया है।
