
लापरवाही पर ग्राम सचिव निलंबित, ग्राम प्रधान का खाता फ्रीज, संबंधित अधिकारियों को दंडित करने के निर्देश
प्रयागराज। गुरुवार को जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ की अध्यक्षता में सर्किट हाउस के सभागार में गौ-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं को लेकर महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में निराश्रित गोवंशों के लिए आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने मेजा ब्लॉक के ग्राम भटौती में स्थित गौआश्रय स्थल का निरीक्षण कर पाई गई अव्यवस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम सचिव को निलंबित करने, ग्राम प्रधान का खाता फ्रीज करने, गौपालक को हटाकर नया गौपालक नियुक्त करने तथा चौकीदार की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए।
इसी क्रम में खण्ड विकास अधिकारी, उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी एवं एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि देने तथा एक वार्षिक वेतन वृद्धि अवरुद्ध करने के निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि 8 जून तक सभी गौशालाओं में आवश्यक सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं, अन्यथा लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों की सामूहिक जिम्मेदारी तय करते हुए कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी स्थायी गौशालाओं में पक्की चारदीवारी और गेट तथा अस्थायी गौशालाओं में पिलर के साथ जाली की बैरिकेडिंग अवश्य हो। प्रत्येक गौवंश के लिए छाया युक्त शेड की व्यवस्था की जाए। जहां पशुओं की संख्या अधिक हो और स्थान की कमी हो, वहां अस्थायी शेड बनवाया जाए ताकि कोई भी गोवंश धूप में न रहे।
चारे की मात्रा और समय का विवरण सार्वजनिक करें
उन्होंने कहा कि चुनी-चोकर, भूसा, हरा चारा आदि की मानक मात्रा व वितरण समय को स्पष्ट रूप से पेंट कराकर दर्शाया जाए। इनकी उपलब्धता गोदाम में सुनिश्चित रहे और समय पर गौवंशों को खिलाया जाए।
सीसीटीवी, रिकॉर्ड व नोडल अधिकारियों की निगरानी व्यवस्था
जिलाधिकारी ने सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरा लगाने और उनकी जिला स्तर से निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही, गौशाला प्रबंधन के सभी विवरणों का अभिलेखीयकरण कराया जाए। प्रत्येक सप्ताह एक नोडल अधिकारी गौशालाओं का निरीक्षण कर आवश्यक सुविधाओं के आधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
बीमार गोवंशों के उपचार एवं अंतिम क्रिया की व्यवस्था
उन्होंने निर्देशित किया कि बीमार पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखा जाए, उनका उचित उपचार, टीकाकरण एवं ईयर टैगिंग कराई जाए। मृत गोवंशों का विधिवत अंतिम क्रिया संस्कार किया जाए।
वर्षा ऋतु व बाढ़ की आशंका को ध्यान में रखते हुए तैयारी के निर्देश
जिलाधिकारी ने वर्षा ऋतु में बाढ़ से प्रभावित होने वाली गौशालाओं को चिन्हित कर उनका प्रमाणपत्र तैयार करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी गौशाला में बाढ़ का पानी घुसा तो संबंधित वीडीओ के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
जहां भूमि उपलब्ध हो, वहां हरे चारे की बोआई की जाए और जहां संभव न हो, वहां साइलेज की व्यवस्था की जाए। आवश्यकता पड़ने पर हरा चारा क्रय किया जाए। प्रत्येक गौशाला पर चौकीदार की उपस्थिति अनिवार्य रहे।
सभी अधिकारी संयुक्त रूप से जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि गौशालाओं की देखरेख संबंधित खंड विकास अधिकारी, पशुचिकित्साधिकारी एवं एडीओ पंचायत की संयुक्त जिम्मेदारी है। यदि किसी स्थल पर लापरवाही या अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी इसकी सूचना मुख्य विकास अधिकारी को अवश्य दें, जिससे कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती हर्षिका सिंह, जिला विकास अधिकारी श्री भोलानाथ कनौजिया, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. शिवनाथ, जिला पंचायती राज अधिकारी श्री रविशंकर द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।