एटा में आंधी बारिश ओलों ने बड़ाई किसानों की धड़कने किसानों के आगे एक तरफ कुआं तो एक तरफ खाई हैं। किसान करे तो क्या करे।
संवाददाता काव्यांश रावत
(उ.प्र.) एटा :- ग्यारह अप्रैल 2025 जनपद में देर सांय आई आंधी बारिश एवं ओलों ने किसानों की धड़कने तेज कर दी हैं।
किसानों की गेहूं की फसल कटने को सूखी खड़ी हैं, वहीं किसी की फसल कटी खेत में पड़ी हैं। ऐसे हालातों में किसानों के आगे एक तरफ कुआं तो एक तरफ खाई हैं। किसान करे तो क्या करे।
किसान की पहले से महंगाई की मार से कमर टूट चुकी हैं। दूसरे ऊपर वाले ने आंधी बारिश ओलों से किसान की बची कुची मेहनत पर पानी फेर दिया।
आंधी से खेत कटी पड़ी गेहूं की फसल आधे से अधिक खेतों से साफ हो जाती हैं। उसके उपरांत बची फसल थ्रेशिंग व मजदूरी में चली जाती हैं। जो बचा कुचा अनाज (गेहूं) रहता हैं, उससे किसान सालभर का खाने पीने का हिसाब देखे या बच्चों की पढ़ाई लिखाई या घर के सदस्यों की हारी बीमारी जब तक खेती बुवाई का समय आ जाता हैं , तो किसान कर्ज लेकर दोबारा बुवाई के तैयारी में लग जाता हैं।
किसान दिन रात कोल्हू के बैल की तरह अपनी स्थितियों से जूझता रहता हैं। किसान की आय दो गुना करने बाली सरकार मुआवजे के नाम पर ऊंट के मुंह में जीरा बाली कहावत चरितार्थ होती प्रतीत होती हैं।
अंत में किसान को अपनी कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अपनी मेहनत का परिणाम नहीं नहीं मिल पाता हैं।