छुरीकला में जल संकट से जूझ रही ग्रामीण जनता एक एक बूंद पानी के लिए तरह लोग
संवादाता (छ.ग.) कोरबा :- जल संकट निदान के लिए स्वीकृत की गई राशि की उपयोगिता फाइलों में दब कर रह गई, दो स्थानों पर बोर किया गया, लेकिन स्थल परीक्षण किए बगैर उत्खनन कराए जाने से पानी नहीं निकला।
नगर पंचायत के अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शिता का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
समस्या का निदान नहीं होने से नगरवासी जल संकट से जूझ रहे हैं, वर्तमान में नगर के नगर में पानी की आपूर्ति 22 साल पुराने नलजल योजना से हो रही है।
पहले यहां की आबादी ढाई हजार थी, जो बढ़कर पांच हजार से भी अधिक हो गई है, बोर से इतने लोगाें के लिए पानी की आपूर्ति संभव नहीं है। जल आवर्धन शुरू होने से लोगों को आए दिन होने वाली पेयजल समस्या से मुक्ति की आशा बन गई थी।
जगह जगह से टूट चुके पाइप लाइन से मटमैला पानी आने से समस्या फिर से नगर में विकट हो गई है।
जल आवर्धन को मूर्तरुप दिए जाने के लिए तीन चरणों में काम किया जाना था , इसमें दर्री बांध से छुरी तक पाइप बिछाना, जल उपचार संयंत्र तैयार करना व नगरीय क्षेत्र में नया पाइप लाइन बिछाना शामिल था।
तीनों कार्य के लिए अलग-अलग निविदा की गई , प्रथम चरण के कार्य में जल उपचार संयंत्र और बाध से छुरी तक पाइप बिछाने का काम तो हुआ हुआ लेकिन पूरे नगर में एक साथ पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन से पानी आपूर्ति की योजना अभी भी अधूरी है।
कोरबा छुरीकला नगर में पेयजल की भीषण संकट से जूझ रहे हैं ,संकट निदान के लिए 14 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित जल आवर्धन का काम नौ साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।
योजना के तहत दर्री बांध का पानी को उपचारित कर नगर तक पहुंचाना है। पूरी राशि ट्रीटमेंट प्लांट बनाने और डांड़गांव हसदेव नदी से पानी पाइप लगाने में खर्च हो गए। चार करोड़ अतिरिक्त लागत बढ़ने के कारण नया पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हुआ।
बोर खराब होने की वजह से आए दिन यहां पानी की समस्या रहती है, यहां टैंकर के भरोसे पानी आपूर्ति की जा रही है।
गर्मी के चलते हैंडपंप, कुंआ के अलावा तालाब आदि स्त्रोतों का जल स्तर गिर चुका है।
निस्तारी की समस्या को देखते हुए जल आवर्धन को इन वार्डो में भी जोड़ने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
सांसद मद से स्वीकृत बोर से भी नहीं निकला पानी नगर के जिन वार्डों में अभी पाइपलाइन नहीं बिछा है, वहां रहवासियों की जल संकट को दूर करने क लिए सांसद ज्योत्सना महंत ने सांसद मद तीन स्थानाें के लिए बोर की स्वीकृति के साथ राशि आवंटन भी किया था।
कैसे सुधरेगी आवासीय विद्यालयों की जल संकट
नगर पंचायत क्षेत्र में महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान नवोदय व एकलव्य विद्यालय का संचालन हो रहा है। दोनों ही आवासीय संस्थानाें में 1500 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं, भूमिगत जल स्त्रोत का पानी दोनों संस्था के लिए पर्याप्त नहीं है।
यहां हर साल होने वाली इस समस्या को देखते हुए जल आवर्धन में दोनाें शैक्षणिक संस्थानों को भी जल आपूर्ति से जोड़ा गया है।
योजना के मूर्तरूप लेने के बाद नगर ही नहीं बल्कि शैक्षणिक संस्थानों तक साफ पानी नहीं पहुंच रहा है।