भारत संवाददाता: देश के कई राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है, ऐसे में ट्रेनों में सफर करने वाले यात्री आरामदायक सफर के लिए ज्यादा पैसे देकर एसी कोच में सीट बुक कराते हैं।
लेकिन उन्हें एसी कोच में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, रेगुलर मेंटेनेंस नहीं होने से रेलवे के एसी कोच यात्रियों के लिए परेशान का सबब बनते जा रहे हैं।
इन दिनों वंदे भारत, राजधानी समेत कई सुपरफास्ट, एक्सप्रेस ट्रेनों के एसी फेल होने की शिकायत रेलवे को मिली है। इनमें कई कोच को अगले स्टेशनों पर ठीक किया गया, ।
जबकि कई जगह तो पूरे कोच को ही बदलना पड़ा, गर्मियों में एसी कोच बंद होने से यात्रियों को गर्मी और घुटन का सामना करना पड़ता है।
केस 1- वंदे भारत के कोच में एसी बंद, यात्री हुए परेशान
सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत के एसी भी यात्रियों को दगा दे रहे हैं। 25 मई को ट्रेन नंबर 22425 अयोध्या-आनंद विहार वंदे भारत एक्सप्रेस अयोध्या से दोपहर 03:20 बजे रवाना हुई, इसकी बोगी सी-3 में शुरू से ही कूलिंग नहीं हो रही थी।
यात्रियों ने इसकी शिकायत कोच अटेंडेंट से की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, ट्रेन शाम 5:15 बजे लखनऊ पहुंची, तो यात्रियों ने प्लेटफार्म पर उपस्थित आरपीएफ और अन्य कर्मचारियों से इसकी शिकायत की।
यात्रियों ने रेलवे कर्मचारियों से कहा कि ट्रेन में शुरू से ही एसी की दिक्कत आ रही है, लेकिन इस गड़बड़ी को दूर नहीं किया गया।
यात्री सुधांशु मिश्रा ने बताया कि अयोध्या से रवाना होने के बाद ही कोच के एसी में दिक्कत शुरू हो गई थी, इसकी शिकायत क्रू से की गई, लेकिन ट्रेन रवाना कर दी गई।
एक अन्य यात्रियों का कहना है कि इतनी गर्मी में यात्री अपनी सुविधा के लिए महंगा टिकट लेकर वंदे भारत जैसी ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं और उन्हें सुविधाएं ही न मिलें तो क्या फायदा।
जबकि दूसरे यात्री ने कहा, इस ट्रेन के एसी के साथ-साथ यह ट्रेन भी फेल हो गई है, इस ट्रेन की वजह से अन्य दूसरी ट्रेनों पर भी असर पड़ा है और अब इसे भी ढंग से नहीं रख पा रहे हैं।
केस 2- राजधानी एक्सप्रेस को यात्रियों ने दो घंटे रोका
25 मई को नई दिल्ली से डिब्रूगढ़ के बीच चलने वाली 20504 राजधानी एक्सप्रेस के द्वितीय श्रेणी कोच में भी एसी खराब हो गया।
ट्रेन नई दिल्ली से सवा 11 बजे के करीब रवाना हुई, इसके बाद पावर वैगन के पीछे वाला एसी कोच का एसी खराब हो गया।
आक्रोशित यात्रियों ने टोल फ्री नंबर 139 पर इसकी शिकायत कर दी उनको बताया गया कि एसी अगले स्टेशन पर सही कर दिया जाएगा, लेकिन एसी ठीक नहीं हुआ।
बरेली जंक्शन पर राजधानी एक्सप्रेस निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे देरी से शाम पांच बजे पहुंची।
तीन मिनट के बाद ट्रेन को रवाना किया गया तो यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक दिया।
एसी खराब होने से नाराज यात्रियों ने दो घंटे तक ट्रेन को आगे नहीं बढ़ने दिया ,बरेली जंक्शन पर हंगामा करते हुए कई यात्री स्टेशन अधीक्षक के कक्ष तक पहुंच गए।
सभी यात्री भीषण गर्मी में मुरादाबाद से बरेली के बीच बंद डिब्बे में एसी न चलने से बेहाल थे।
यात्रियों के हंगामे पर जंक्शन के यार्ड से एसी द्वितीय श्रेणी का दूसरा कोच मंगा कर ट्रेन में लगाया गया।
इस दौरान बाकी डिब्बों की बिजली आपूर्ति भी बंद रही और एसी नहीं चले ,इसके बाद ट्रेन रात 7:30 बजे जंक्शन से आगे बढ़ सकी।
केस 3- वंदे भारत में बंद हुआ AC, खाना भी हो गया खराब
24 मई को वाराणसी-दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस 22435 में भी कोच के एसी खराब होने का मामला सामने आया।
यात्री अनुराग ने ट्रेन में एसी खराब होने की शिकायत रेलवे को दर्ज करवाई। यात्री अनुराग कहा, ट्रेन के चेयर कार कोच सी-11 का एसी खराब होने से सफर मुहाल हो गया।
अटेंडेंट से शिकायत की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, उन्होंने कहा कि किराया महंगा होने के बावजूद यात्री सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र से चलने वाली वंदे भारत का यह हाल है कि एसी खराब होने के चलते खाना भी खराब हो गया।
अटेंडेंट से खाने की शिकायत करने पर एसी खराब होने को वजह बताया गया।
ट्रेन में सफर कर रहे यात्री अभिषेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रेल मंत्री, आईआरसीटीसी, रेल मंत्रालय और रेल सेवा को टैग करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग करते हुए लिखा कि आईआरसीटीसी, रेल मंत्री, रेलवे सेवा और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की कृपा से नरेंद्र मोदी की सरकार को शायद ही वोट देगा।
पीएमओ के संसदीय क्षेत्र से चलने वाली वंदे भारत का यह हाल है कि सी11 कोच का एसी खराब है। रखा हुआ खाना तक खराब हो गया।
दही जहर सा हो गया है, खाना परोसने वाले से कहा, तो जवाब मिला कि एसी खराब है, इसलिए दही खराब हो गया ,लूट मचा रखी है मिनिस्टर ने।
केस 4- शिकायत करने के बाद भी रेलवे ने नहीं की मदद
ट्रेनों में एसी खराब होने के मामले कई समर स्पेशल ट्रेनों में भी सामने आ रहे हैं।
ये समर स्पेशल ट्रेनें गर्मियों के लिए खास शुरू की जाती हैं।
आनंद विहार पटना स्पेशल ट्रेन 03256 से प्रयागराज के लिए सफर कर रहे यात्री अभिषेक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शिकायत की है कि 24 मई की रात से ही ट्रेन का एसी खराब है।
ट्रेन प्रयागराज से आगे बढ़ी है, सारे यात्रियों का बुरा हाल है, एसी खराब है और ट्रेन खौलता हुआ डिब्बा हुई जा रही है।
रेलवे से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली।
केस 5- सूरत में ट्रेन को रोककर ठीक किया AC
21 मई को बांद्रा से जयपुर से जा रही बांद्रा-जयपुर सुपरफास्ट ट्रेन रात को सूरत स्टेशन पहुंची। यहां से यात्री चढ़े।
कुछ ही दूर जाने पर यात्रियों ने एसी के काम न करने की शिकायत की ,एसी कोच बी के यात्रियों ने कहा कि ट्रेन का एसी कोच बिल्कुल काम नहीं कर रहा है।
जिससे ट्रेन के कोच में बैठे यात्री गर्मी और उमस से परेशान हो रहे थे।
सूचना फौरन टीसी को दी गई। इसके बाद ट्रेन को अगले स्टेशन पर रोककर एसी का ठीक किया गया।
केस 6- गर्मी में बेहाल हुए यात्री, एक घंटे बाद रवाना हुई ट्रेन
20 मई चेन्नई से अहमदाबाद जा रही 12656 चेन्नई अहमदाबाद नवजीवन एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच बी-5 में एसी फेल कर गया, इससे यात्री परेशान होने लगे।
ट्रेन सूरत स्टेशन में प्लेटफार्म एक पर दोपहर 1.48 बजे आई, ट्रेन के बी-5 कोच में कूलिंग न होने की शिकायत थी।
ट्रेन को सूरत में स्टेशन पर संबंधित विभाग के अधिकारियों ने अटेंड किया।
ट्रेन का एसी ठीक होने में करीब एक से डेढ़ घंटे लगे। इसके बाद ट्रेन को ढाई बजे रवाना किया गया।
इसलिए आ रही है कोच में समस्या
एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि इन दिनों जिन ट्रेनों में एसी की समस्या आ रही है, वे सामान्य कैटेगरी की मेल एक्सप्रेस ट्रेनें हैं।
इनका प्राइमरी मेंटेनेंस जहां होता है, वहां कुछ कमी रह जाती है ,इसलिए भारी गर्मी में एसी फेल होने की समस्या आ जाती है।
कई बार ट्रेन के एसी कोच में बैटरी में समस्या भी आ जाती है, इससे विद्युत सप्लाई ब्रेक होने लगती है और एसी काम करना बंद कर देता है, इसके अलावा भी कई तकनीकी कारण होते हैं।
ट्रेनों के एसी कोच का मेंटेनेंस जितना दुरुस्त होगा, एसी उसी हिसाब से कूलिंग करेगा।
एक दो मामलों को छोड़कर राजधानी, वंदे भारत, शताब्दी, तेजस जैसी ट्रेनों में एसी फेल होने की समस्या नहीं होती है।
वहीं जिन ट्रेनों में कभी एसी बंद होने या काम नहीं करने की जैसी ही शिकायत मिलती है।
रेलवे के संबंधित कर्मचारी तत्काल उसे ठीक करने में लग जाते हैं, कई बार चलती ट्रेनों में ही समस्या दूर हो जाती है।
लेकिन कई बार ट्रेनों को अगले स्टेशन पर रोक कर भी उसे ठीक किया जाता है।
इस तरह से ले सकता है अपना रिफंड
आईआरसीटीसी के रिफंड रूल के मुताबिक, एसी कोच में एसी नहीं चलने पर यात्री अगर क्लेम करता है, तो उसे रिफंड (अतिरिक्त पैसा वापस) मिल जाता है।
यानी भारतीय रेलवे वातानुकूलित कोच में एसी सुविधा प्रदान करने में विफल होने पर कुछ किराया राशि की वापसी कर देता है।
हालांकि, इसमें कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं।
– यदि यात्री द्वारा बुक किया गया टिकट वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के लिए है, तो एसी प्रथम श्रेणी के किराए और प्रथम श्रेणी के किराए के बीच के अंतर का शुल्क प्रदान किया जाएगा।
– यदि यात्री द्वारा बुक किया गया टिकट वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी या वातानुकूलित तृतीय-स्तरीय वर्ग के लिए है, तो उस स्थिति में वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी या वातानुकूलित तृतीय श्रेणी वर्ग का किराया और स्लीपर क्लास के बीच का अंतर किराया प्रदान किया जाएगा।
यह शर्त मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों दोनों के लिए मान्य है।
– यदि टिकट वातानुकूलित चेयर कार के लिए है, तो यात्री को एसी चेयर कार का किराया और मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में द्वितीय श्रेणी के किराए के बीच के अंतर का शुल्क दिया जाएगा।
– यदि यात्री द्वारा बुक किया गया टिकट कार्यकारी वर्ग (एग्जीक्यूटिव क्लास) के लिए है, तो संबंधित अनुभाग के लिए अधिसूचित कार्यकारी वर्ग किराया और उस खंड की संबंधित दूरी के लिए प्रथम श्रेणी के किराए के बीच का अंतर शुल्क दिया जाएगा।
यह करना होगा यात्रियों को
यदि यात्री के पास ई-टिकट है, तो यात्री को अपने गंतव्य तक ट्रेन के वास्तविक समय पर पहुंचने के बीस घंटे तक ऑनलाइन टीडीआर दर्ज करना होगा। इसके बाद यात्री को इसे जारी मूल प्रमाणपत्रों (जीसी/ईएफटी) के साथ ग्रुप जनरल मैनेजर/आईटी, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंटरनेट टिकटिंग सेंटर, आईआरसीए बिल्डिंग, स्टेट एंट्री रोड, नई दिल्ली-110055 के पास पोस्ट के माध्यम से भेजना होगा।
यदि यात्री के पास आई-टिकट है, तो उसे उपरोक्त पते पर यात्रा के समय टिकट जांच कर्मचारी (टीटीई) द्वारा जारी मूल प्रमाणपत्र (जीसी/ईएफटी) भेजना होगा।
यात्री को ध्यान रखना होगा कि रेलवे मूल प्रमाण पत्र (जीसी/ईएफटी) प्राप्त करने के बाद ही टीडीआर के माध्यम से धनवापसी संसाधित करेगा।
क्लेम (दावा) आईआरसीटीसी द्वारा संबंधित उसी क्षेत्रीय रेलवे को भेजा जाएगा, जिसके अधिकार क्षेत्र में ट्रेन गंतव्य आता है।
इस प्रकार, राशि यात्री के उसी खाते में जमा की जाएगी जिसके माध्यम से भुगतान किया गया था।