दर्जनभर लोकसभा सीटों पर अभी भाजपा प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना बाकी है। पार्टी के नौ सांसदों की टिकट पर फिलहाल तलवार लटक रही है
सादिक पवित्र (उ.प्र.) लोकसभा चुनाव :- यूपी की दर्जनभर लोकसभा सीटों पर अभी भाजपा प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना बाकी है। पार्टी के नौ सांसदों की टिकट पर फिलहाल तलवार लटक रही है। इनमें से कई सीटों पर बदलाव होना लगभग तय है।
जिन सीटों पर चेहरे बदलने की प्रबल संभावना है उनमें फिरोजाबाद, बलिया, प्रयागराज, कैसरगंज सीटें शामिल हैं।
उधर, कौशांबी, फूलपुर, भदोही, देवरिया और मछलीशहर लोकसभा सीटों को लेकर भी संशय अभी बरकरार है। वहीं हारी हुई तीनों सीटों पर भी चेहरे बदलने की तैयारी है।
भारतीय जनता पार्टी ने दो मार्च को जारी पहली सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 51 प्रत्याशियों का ऐलान किया था, इसमें 47 पुराने चेहरों को रिपीट किया गया था।
इसमें हारी हुई सात में से सिर्फ चार सीटों पर ही बदलाव किया गया। वहीं 24 मार्च को जारी पांचवीं सूची में यूपी के 13 नाम शामिल थे। इसमें बाराबंकी की पूर्व घोषित सीट पर किया गया बदलाव भी शामिल था।
मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत के विवादों में फंसने के बाद वहां जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत को प्रत्याशी बना दिया गया ,इसके अलावा 10 अन्य मौजूदा सांसदों में से सिर्फ दो ही रिपीट हो सके।
इस तरह बाराबंकी सहित भाजपा ने अभी तक अपने नौ सांसदों का टिकट काट दिया है।
कई दिग्गज भी भंवर में फंसे
अभी दर्जनभर सीटों पर चेहरों का ऐलान बाकी है। दरअसल, भाजपा इस बार 75 सीटों पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ रही है जबकि पांच सीटें सहयोगी दलों रालोद, अपना दल (एस) और सुभासपा के लिए छोड़ी गई हैं।
जिन 12 सीटों पर प्रत्याशी तय होने हैं, उनमें नौ मौजूदा सांसदों की टिकटें भी फंसी हैं।
इनमें देवरिया से रमापति त्रिपाठी, प्रयागराज से रीता बहुगुणा जोशी, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त, कौशांबी से विनोद सोनकर, कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह जैसे दिग्गजों की सीटें भी शामिल हैं।
सिर्फ एक केंद्रीय मंत्री पर गाज
यूपी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा स्मृति ईरानी, डा. महेंद्रनाथ पांडेय, संजीव बालियान, एसपी सिंह बघेल, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति, पंकज चौधरी, भानु प्रताप वर्मा, अजय मिश्रा टेनी और जनरल वीके सिंह केंद्रीय कैबिनेट में शामिल थे। इनमें सिर्फ जनरल वीके सिंह को दोबारा मौका नहीं मिल सका है।
जनरल को शायद अपनी टिकट कटने का अहसास हो गया था, सो प्रत्याशियों की घोषणा से पहले ही उन्होंने एक्स पर की गई पोस्ट में 2024 में खुद को चुनाव मैदान से अलग करने की बात कही थी।
पीएम सहित बाकी सभी केंद्रीय मंत्री एक बार फिर यूपी की अपनी पुरानी सीटों से ही चुनाव मैदान में हैं।
रायबरेली में कांग्रेस के पत्ते खुलने का इंतजार
2019 के लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीटों में अब तीन ही बची हैं, जिन पर उम्मीदवारों का ऐलान बाकी है,इनमें रायबरेली, मैनपुरी और गाजीपुर सीटें शामिल हैं।
कांग्रेस का मजबूत किला रही रायबरेली सीट पर भाजपा को कांग्रेस के पत्ते खुलने का इंतजार है।
सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा जाने के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि गांधी परिवार की इस परंपरागत सीट पर इस बार पार्टी किस पर दांव लगाएगी।
वहीं मुलायम सिंह के गढ़ मैनपुरी और गाजीपुर सीट पर भी नया चेहरा उतारने की तैयारी है, मैनपुरी से क्षत्रिय चेहरे और गाजीपुर से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बेटे का नाम भी चर्चाओं में है।
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