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नाबालिग दलित किशोरी की हत्या से परिजनों में आक्रोश सत्ता की हनक की वजह से प्रशासन आत्महत्या बनाने में जुटी तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने से पीछे हट रही है।

संवादाता (उ.प्र.) कानुपर :- देहात पुलिस की महिला सुरक्षा पर उठे सवाल, नाबालिक दलित किशोरी को अगवाकर की हत्या
समय रहते यदि पुलिस करती ठोस कार्यवाही तो शायद जीवित होती शिल्पी
कानपुर देहात। एक तरफ दिन प्रतिदिन सूबे के मुखिया महिला सशक्तीकरण, नारी सुरक्षा, नारी सम्मान को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नजर आते हैं तो वही हत्या जैसे जघन्य अपराध भी कारित हो रहे हैं।
वही दो दिन पूर्व नाबालिक किशोरी का हत्या युक्त शव बरामद होने के बाद भी पुलिस द्वारा थिशिलता बरतना कहीं ना कहीं अपराध को बढ़ावा देना साबित हो रहा है!
शायद इसी वजह से दो दिन पूर्व दलित नाबालिक किशोरी की गुमशुदगी एवम् हत्यायुक्त शव बरामद होने के बाद भी परिवारीजनों की चीखें शायद प्रशासन के कानों तक नहीं पहुंची एवम् घटना के दो दिन बाद काफी जद्दोजहद के बाद पांच नाम जद अभियुक्तों के विरुद्ध स्थानीय थाना डेरापुर में हत्या का अभियोग पंजीकृत किया गया।
बता दे प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला जनपद कानपुर देहात के डेरापुर थाना क्षेत्र के उमरी गांव का है जहां रहने वाले चंद्रप्रकाश ने तहरीर के माध्यम से बताया कि चंद्रप्रकाश की दो पुत्री शाम तकरीबन 6:00 बजे नित्यानंद की चक्की में तेल पिराने गई थी वहीं से बडी बेटी नाबालिक (16) पेशाब करने के लिए गई हुई थी ।
वही गांव की ही नित्यानंद उर्फ राम सिंह ठाकुर, अमित उर्फ सडा, अर्जुन, सचिन एवम् रतन ठाकुर ने अंधेरे का फायदा उठाकर जबरन उसे अगवा कर लिया एवं कहीं सुनसान जगह पर लेकर गए यहां पर चंद्र प्रकाश की 16 वर्षी पुत्री की हत्या करके एक लभेडा के पेड़ की डाल पर लटका दिया जो लभेडा का पेड़ है वह बहुत नीचा है!
जब काफी देर हो जाने के बाद जब छोटी बेटी चक्की से भाग कर घर आई और घर वालों को उक्त घटना के बारे में बताया तब परिवारी जनों ने खोजबीन की लेकिन पुत्री कहीं नहीं मिली तब पूरा परिवार एवं आस पड़ोस के लोग पुलिस चौकी जाकर सूचना दी तब गांव में पुलिस ने आकर खोजबीन की तभी रात में किशोरी का शव एक सुनसान जगह पर लाभेडा के पेड़ पर लटका पाया गया।
वही पारिवारी जनों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस बार-बार हत्या को आत्महत्या बनाने में जुटी हुई थी एवं अपराधियों के सत्ता पक्ष में होने की वजह से प्रभाव में काम कर रही थी इसी के चलते बीती 13 तारीख की घटना होने के बावजूद घर वालों की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत नही किया गया।
वहीं आज पोस्टमार्टम होने के बाद नाबालिक किशोरी का शव घर आने एवं पारिवारी जनों एवं ग्रामीणों में आक्रोश देखकर और शव का अंतिम संस्कार ना करते देख पुलिस ने अपनी साख बचाने के लिए पिता चंद्रप्रकाश की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया फिर शव का अन्तिम संस्कार किया गया।
पूरे मामले में स्थानीय जनता में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा जहां सूत्रों की माने तो जनता का आरोप रहा की पुलिस सत्ता पक्ष के दबाव में अपराधियों को लगातार बचाने की कोशिश कर रही थी ।
जिसके चलते इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद अभियुक्तों की गिरफ्तारी संभाव ना हो सकी।
वही प्रभारी निरीक्षक डेरापुर ने फोन द्वारा संवाद करने पर बताया कि मामला आत्महत्या का है एवम् पिता की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है।
