जननी सुरक्षा योजना, टीबी यूनिट और नेत्र जांच कक्ष की स्थिति देख भड़के सीएमओ डॉ. ए.के. तिवारी — स्वास्थ्य परीक्षण सूची व रजिस्टर न मिलने पर जताई कड़ी नाराजगी, आशा कार्यकत्रियों को दिलाया समस्याओं के शीघ्र समाधान का भरोसा
संवाददाता आलोपी शंकर शर्मा
प्रयागराज। मेजा :- स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. ए.के. तिवारी ने सोमवार को मेजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान केंद्र में कई गंभीर खामियां उजागर हुईं, जिससे सीएमओ ने नाराजगी जताते हुए जिम्मेदार कर्मचारियों को फटकार लगाई।
डॉ. तिवारी ने सबसे पहले जननी सुरक्षा योजना, टीबी यूनिट, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधन कक्ष, आईसीटीसी, और नेत्र जांच कक्ष की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। इस दौरान पाया गया कि केंद्र पर चश्मा वितरण का रजिस्टर अनुपलब्ध था और स्वास्थ्य परीक्षण की सूची भी प्रदर्शित नहीं की गई थी, जिस पर उन्होंने गहरी असंतुष्टि जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि मरीजों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक जानकारियां और सूचियां केंद्र के प्रमुख स्थानों पर तत्काल प्रदर्शित की जाएं।

सीएमओ ने आगे मलेरिया प्रभावित मरीजों की डेंगू जांच अनिवार्य रूप से कराने का निर्देश दिया और कहा कि किसी भी स्थिति में जांच या रिपोर्ट अपडेट में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही या ढिलाई किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं होगी।”
निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए, जिस पर डॉ. तिवारी ने सख्त कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन रोकने और चेतावनी नोटिस जारी करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि समय की पाबंदी और जिम्मेदारी निभाना हर स्वास्थ्यकर्मी का प्राथमिक कर्तव्य है।
निरीक्षण के बाद डॉ. तिवारी ने धरना-प्रदर्शन कर रहीं आशा कार्यकत्रियों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आशा कार्यकत्रियों के भुगतान और मानदेय से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण किया जाएगा।
सीएमओ ने अंत में कहा कि स्वास्थ्य केंद्र जनता की उम्मीदों का केंद्र बिंदु हैं, ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही या गैरजिम्मेदारी से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर असर नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने स्टाफ से कहा कि मरीजों के साथ संवेदनशील और जिम्मेदार व्यवहार अपनाएं, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों तक समय पर और पारदर्शी तरीके से पहुंच सके।
