जनता की समस्याओं पर सुस्ती से जिलाधिकारी नाराज़ — समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के दिए कड़े निर्देश, मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं की गोदभराई और बच्चों का हुआ अन्नप्राशन
संवाददाता- आलोपी शंकर शर्मा
मेजा प्रयागराज।- तहसील मेजा में सोमवार को आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में कुल 506 शिकायतें सुनवाई के लिए आईं, लेकिन सिर्फ 8 प्रकरणों का मौके पर निस्तारण किया जा सका। इस लचर कार्यप्रणाली पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने समाधान दिवस में उपस्थित सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनशिकायतों का निस्तारण समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाए। उन्होंने कहा कि शिकायतों में देरी या औपचारिकता दिखाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय है।

समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी ने मिशन शक्ति-5.0 अभियान के अंतर्गत चार महिलाओं की गोदभराई और चार बच्चों का अन्नप्राशन कराया। साथ ही, गर्भवती महिलाओं को लगाए जाने वाले टीकों की जानकारी भी ली।
तहसील परिसर में लगाए गए विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने योजनाओं के विस्तृत प्रचार-प्रसार और पात्र लाभार्थियों को सीधा लाभ पहुँचाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों से जुड़ी शिकायतों की जमीनी जांच कर उन्हें प्राथमिकता से निस्तारित करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता से फीडबैक लेकर यह सुनिश्चित किया जाए कि वह समाधान से संतुष्ट हो।
समाधान दिवस में मिली कुल शिकायतों में राजस्व विभाग से 202, विकास विभाग से 41, पुलिस विभाग से 91, समाज कल्याण विभाग से 11, शिक्षा विभाग से 3, स्वास्थ्य विभाग से 2 तथा अन्य विभागों से 156 शिकायतें शामिल थीं।
जिलाधिकारी ने शेष शिकायतों को निर्धारित समयसीमा के भीतर निस्तारित करने का आदेश देते हुए कहा कि “शिकायतों का समाधान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, किसी भी अधिकारी की सुस्ती जनता के विश्वास पर आघात है।”
इस अवसर पर एडीएम (प्रशासन) श्रीमती पूजा मिश्रा, एसडीएम सुरेन्द्र कुमार, जिला विकास अधिकारी जी.पी. कुशवाहा, पंचायतराज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
