रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली और सतना में तीन दिन से जारी बारिश से खेतों में जलभराव; देवताल पंचायत पन्नी के किसानों की मेहनत पर पानी, सर्वे के लिए प्रशासनिक अमला नहीं पहुंचा—कलेक्टर संजय की उदासीनता पर उठे सवाल
संवाददाता – मुस्ताक अहमद
सादिका पवित्र, मऊगंज (रीवा) :- विंध्य क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली और सतना जिलों में पिछले तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश से धान की फसल पूरी तरह जलमग्न हो चुकी है। खेतों में पानी भरने से फसल सड़ने लगी है, जिससे किसानों के चेहरों पर निराशा और हताशा साफ झलक रही है। कई किसानों की कटी हुई फसल भी भीगकर सड़ गई है।
देवताल पंचायत पन्नी सहित मऊगंज जनपद के ग्रामीण इलाकों में स्थिति बेहद खराब है। खेतों में खड़ी और कटी दोनों तरह की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। किसानों ने बताया कि लगातार बारिश और जलभराव के कारण लगभग 75 फीसदी धान की फसल नष्ट हो गई है। इसके बावजूद भी प्रशासन की ओर से अब तक कोई सर्वे टीम नहीं भेजी गई।
कलेक्टर की उदासीनता से बढ़ा किसानों का गुस्सा-
किसानों का कहना है कि मऊगंज जिले के नवगठित प्रशासन से उन्हें उम्मीद थी कि संकट की इस घड़ी में राहत मिलेगी, लेकिन जिला कलेक्टर संजय की उदासीनता ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। तीन दिन बीत जाने के बावजूद भी न तो कोई राजस्व अधिकारी खेतों का निरीक्षण करने पहुंचे और न ही मुआवजे के लिए रिपोर्ट तैयार की गई। किसानों का कहना है कि प्रशासन सिर्फ बैठकों में व्यस्त है, जबकि जमीन पर हकीकत कुछ और है।
किसानों के आंसुओं ने भिगोई फसलें, वायरल हुआ वीडियो-
मऊगंज तहसील क्षेत्र के एक किसान का खेत में रोते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो में किसान अपनी सड़ी हुई फसल दिखाते हुए कह रहा है—“अब कर्ज कैसे चुकाऊं, बच्चों का पेट कैसे भरूं?” यह दृश्य पूरे विंध्य क्षेत्र के किसानों की पीड़ा को बयां करता है।
बोनी में हो रही देरी, बढ़ा संकट-
लगातार हो रही बारिश के कारण खरीफ फसलों के साथ अब रबी सीजन की बोनी में भी देरी हो रही है। किसानों का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों तक मौसम नहीं सुधरा, तो अगली फसल की तैयारी भी मुश्किल हो जाएगी। सिंगरौली कलेक्टर ने नुकसान का आंकलन शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन रीवा, मऊगंज और सतना में अभी तक प्रशासनिक अमला फील्ड में नहीं पहुंचा है।
शासन से किसानों की मांग-
देवताल पंचायत पन्नी और आसपास के गांवों के किसानों ने शासन से मांग की है कि तुरंत सर्वे टीम गठित कर नुकसान का आंकलन किया जाए और बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाए। साथ ही जिला प्रशासन को फसलों की सुरक्षा और राहत वितरण के लिए जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए।
विंध्य की धरती पर इस बार बारिश वरदान नहीं, अभिशाप बनकर आई है। खेतों में सड़ रही धान की बालियां किसानों की टूटती उम्मीदों की गवाही दे रही हैं, और प्रशासन की चुप्पी उनकी पीड़ा को और गहरा कर रही है।
