मेजा, कोरांव, करछना और बारा तहसीलों में धान की फसल जलमग्न — योगेश शुक्ल बोले, “सरकार तुरंत राहत और मुआवजे की कार्रवाई शुरू करे”
संवाददाता – आलोपी शंकर शर्मा
प्रयागराज मेजा – प्रयागराज जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। जिले के मेजा, कोरांव, करछना और बारा तहसील क्षेत्रों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में भरे पानी ने धान, उड़द, मूंग और सब्ज़ियों की फसलों को पूरी तरह चौपट कर दिया है। किसानों के सामने अब भारी आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेश शुक्ल ने किसानों के हित में आगे आकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और जिलाधिकारी प्रयागराज को पत्र लिखकर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह आपदा किसानों के लिए किसी झटके से कम नहीं है, इसलिए शासन को तुरंत राहत कार्यों की शुरुआत करनी चाहिए।
शुक्ल ने बताया कि यमुनापार क्षेत्र धान की खेती का मुख्य केंद्र है। यहां के किसान पूरे प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों में धान की आपूर्ति करते हैं। इस बार लगातार बारिश के कारण खेतों में जलभराव से फसलें सड़ रही हैं। किसानों को अपनी मेहनत का फल मिलने से पहले ही भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि समय रहते सरकारी स्तर पर सर्वे और राहत कार्य नहीं किए गए, तो आने वाले समय में किसान आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट जाएंगे। उन्होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि वे तुरंत राजस्व विभाग और कृषि विभाग की टीमों को मौके पर भेजें, ताकि फसलों के नुकसान का सही आकलन किया जा सके और मुआवजे की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।
योगेश शुक्ल ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है, और इस बार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निश्चित रूप से किसानों को राहत दिलाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि किसानों को किसी प्रकार की अफसरशाही या लापरवाही का सामना न करना पड़े।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कई गांवों में खेतों में इतना पानी भर गया है कि अब जानवरों के चारे की भी समस्या पैदा हो गई है। कई किसानों ने अपने खेतों को बचाने के लिए खुद नालियां खोदकर पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन लगातार बारिश ने सारी मेहनत बेकार कर दी।
शुक्ल ने उम्मीद जताई कि राज्य और केंद्र सरकार किसानों की इस पीड़ा को गंभीरता से लेकर विशेष राहत पैकेज की घोषणा करेगी। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि जिन किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, उन्हें फसल बीमा योजना और आपदा राहत कोष के तहत जल्द से जल्द सहायता दी जाए।
