
संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर सरई नगर में विजयादशमी एवं संघ स्थापना दिवस पर भव्य पथ संचलन का हुआ आयोजन
सरई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बैनर तले सरई नगर में संघ स्थापना दिवस एवं विजयादशमी के अवसर पर भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। इस बार संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष आयोजन किया गया, जिसमें नगर की सभी इकाइयों के सैकड़ों स्वयंसेवक शामिल हुए। सरई नगर के कन्या हायर सेकंडरी स्कूल के मैदान में अपरान्ह 2 बजे एकत्रीकरण हुआ, जिसके पश्चात बौद्धिक कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके उपरांत अनुशासित पंक्तियों में पथ संचलन प्रारंभ हुआ, जो नगर के प्रमुख चौक-चौराहों से होकर पुनः कन्या हायर सेकंडरी स्कूल के मैदान में आकर समाप्त हुआ। स्वयंसेवक मय सरई मण्डल के इस आयोजन में 482 गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने “एक कदम, एक ताल, एक समान, एक गणवेश” की भावना के साथ पाँच किलोमीटर लंबा पथ संचलन किया। मण्डल कार्यवाह अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि सरई नगर के 28 स्थानों पर नागरिकों ने पुष्पवर्षा, दीप आरती और रंगोली से स्वयंसेवकों का स्वागत किया। संचलन के दौरान नगर राष्ट्रभावना और अनुशासन की अद्भुत छटा से गूंज उठा।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरई मण्डल में विजयादशमी उत्सव, शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन का कार्यक्रम पूर्णतः नियमानुसार और अनुशासित तरीके से संपन्न हुआ।
संघ कार्य के 100 वर्ष पूर्ण होने और शताब्दी वर्ष के प्रारंभिक आयोजन के रूप में यह कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा। मुख्य अतिथि के रूप में सुनील ओडगाये उपस्थित रहे। उन्होंने समाजशास्त्र में एमए की उपाधि प्राप्त की है तथा 17 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा दी है। सेना के कार्यकाल में उन्होंने जबलपुर, महाराष्ट्र, झाँसी, पठानकोट, पंजाब, श्रीनगर, अमृतसर, राजस्थान और साउथ अफ्रीका में शांति बहाली के कार्यों में योगदान दिया। वर्तमान में वे आईटीआई कॉलेज सरई में प्राचार्य पद पर कार्यरत हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रांत सेवा प्रमुख रमेश कुमार साहू को आना था, किंतु अस्वस्थता के कारण उनके स्थान पर खण्ड कार्यवाह रोशन लाल गुप्ता ने बौद्धिक दिया। उन्होंने अपने उद्बोधन में संघ की स्थापना से लेकर आज तक की कार्ययात्रा, उसकी विचारधारा और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में अतिथियों में खण्ड संघचालक इन्द्रपाल सिंह, जिला कार्यवाह श्याम जायसवाल और मण्डल कार्यवाह अभिषेक पाण्डेय उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य शिक्षक के रूप में कृष्णा, प्रार्थना में अरविन्द, एकल गीत में पीयूष जी तथा अमृत वचन में वासू ने सहभागिता की, जबकि ध्वजवाहक की भूमिका इन्द्रजीत ने निभाई।
मुख्य अतिथि एवं वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि संघ का ध्येय “पंच परिवर्तन” के माध्यम से राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है।
1. कुटुम्ब प्रबोधन – खुशहाल परिवार, समृद्ध समाज।
2. पर्यावरण संरक्षण – प्रकृति से प्रगति हमारा दायित्व।
3. नागरिक कर्तव्य – हर नागरिक का धर्म।
4. सामाजिक समरसता – सभी को स्वयं के समान समझना।5. स्वदेशी और आत्मनिर्भरता – लोकल को वोकल बनाना।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों के साथ नगर के वरिष्ठ नागरिक, अधिकारी, मातृशक्ति, बाल एवं शिशु वर्ग तथा मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सम्पूर्ण आयोजन राष्ट्रभावना, अनुशासन और संगठन की एकता की प्रेरक मिसाल बन गया।