
स्वयं सहायता समूह के कार्यालय में 3.5 लाख और सराफा कारोबारी से 1.5 लाख की लूट का खुलासा अब दीनदयाल सिंह की सबसे बड़ी परीक्षा, पुराने इंस्पेक्टर की विदाई भी बनी वजह।
ब्यूरो सुरेश चंद्र मिश्रा
प्रयागराज ( मेजा ) – मेजा क्षेत्र में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि पुलिस की नींद उड़ गई है। मेजा इलाके में पखवाड़े भर के भीतर हुई दो बड़ी लूट की घटनाएं न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं, बल्कि नए इंस्पेक्टर के लिए चुनौती भी बन गई हैं। पुलिस आयुक्त जोगेंद्र कुमार ने मेजा के नए इंस्पेक्टर दीनदयाल सिंह को दोनों मामलों का खुलासा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, लूट का खुलासा न कर पाने पर पूर्व इंस्पेक्टर राजेश उपाध्याय को कर्नलगंज थाने भेज दिया गया है।
सराफा कारोबारी को तमंचे के बल पर लूटा
करीब दो हफ्ते पहले बरसैता नाले पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब बाइक सवार बदमाशों ने सराफा कारोबारी को तमंचा सटाकर रोक लिया। चंद मिनटों में डेढ़ लाख रुपये के आभूषण लूटकर बदमाश फरार हो गए। घटना के बाद आसपास के लोगों में दहशत फैल गई थी।
दिनदहाड़े कार्यालय में तीन लाख पचास हजार की लूट
इससे पहले मेजा कस्बे के बीचोंबीच स्थित स्वयं सहायता समूह के कार्यालय (आदित्य टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड) में शाम को बदमाशों ने धावा बोला। असलहों से लैस बदमाशों ने कर्मचारियों को पीटा और साढ़े तीन लाख रुपये लेकर निकल गए। इस वारदात में सहायक प्रबंधक आदित्य मिश्रा और कर्मचारी इब्राहिम अंसारी गंभीर रूप से घायल हुए थे।
मेजा पुलिस बल पर उठ रहे सवाल
दोनों ही मामलों में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। स्थानीय लोग खुलेआम सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पुलिस अपराधियों तक कब पहुंचेगी। बढ़ते अपराध से व्यापारी वर्ग खासा दहशत में है और पुलिस की नाकामी अब राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गई है।
मेजा थाना पर नए इंस्पेक्टर की अग्निपरीक्षा
नए इंस्पेक्टर दीनदयाल सिंह के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती इन दोनों लूटकांड का खुलासा करना है। पुलिस आयुक्त ने साफ संकेत दिए हैं कि अपराधियों पर लगाम कसने में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दूसरी ओर अपराधियों की बढ़ती वारदातों से मेजा का आमजन असुरक्षा की भावना से घिरा हुआ है।