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एक तरफ सरकार हिट एंड रन के मामलों को रोकने के लिए कानून लागू करने विचार कर रही है वहीं हरदोई में सरकार के मंसूबों पर पानी फेरा जा रहा है
संवादाता (उ.प्र.) हरदोई :- मामला शहर कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जहां शहर के लखनऊ रोड की रहने वाली अधिवक्ता व समाजसेवी हरप्रीत कौर अपने घर से अपनी स्कूटी लेकर जा रही थी तभी पीछे से अतिरिक्त मजिस्ट्रेट की बोलेरो कार लगातार हरप्रीत कौर को हॉर्न बजाती रही।
जाम के चलते हरप्रीत कौर जब तक अपने वाहन को किनारे करती तब तक अतिरिक्त मजिस्ट्रेट लिखी बोलेरो कार ने उन्हें टक्कर मार दी।
इस हादसे में हरप्रीत कौर बुरी तरह से घायल हो गई, सबसे हैरान करने वाला मामला तब सामने आया जब हरप्रीत कौर ने बोलेरो कार में सवार अतिरिक्त मजिस्ट्रेट व उनके चालक पर गंभीर आरोप लगाया।
हरप्रीत कौर का आरोप है कि अतिरिक्त मजिस्ट्रेट ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया साथ ही उनके ड्राइवर द्वारा भी साथ ही उनके ड्राइवर द्वारा भी उनके साथ अभद्रता की गई।
हरप्रीत कौर का आरोप है कि टक्कर मारने के बाद अतिरिक्त मजिस्ट्रेट और उनकी कार का चालक कार को लेकर फरार हो गया।
हरप्रीत ने बताया कि इस मामले की शिकायत जब वह जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से करने पहुँची तब अंदर जिलाधिकारी नहीं उनके कार्यालय में कोई अन्य व्यक्ति बैठा था जिसके द्वारा उनके साथ अभद्रता कर उन्हें वापस लौटा दिया गया है।
हरप्रीत कौर की मांग है कि अतिरिक्त मजिस्ट्रेट पर कार्यवाही की जाए।
हरप्रीत कौर ने कहा कि जिस तरह से एक अधिवक्ता व समाज सेवी महिला के साथ एक जनपद के अधिकारी द्वारा कृत्य किया गया है इससे महिला सशक्तिकरण के मंसूबों पर जनपद के अधिकारी कालिक पोतने का कार्य कर रहे है ।
हरदोई में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट लिखी एक कार ने समाजसेवी व अधिवक्ता हरप्रीत कौर की स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी। एक और जहां सरकार हिट एंड रन के मामलों को रोकने के लिए कानून को लाने पर विचार कर रही है वहीं अपनी सरकार के मंसूबो पर हरदोई के अधिकारी पानी फिरने का काम रहें हैं।
इस बाबत जब वह कलेक्ट्रेट परिसर में शिकायत करने पहुँची तो अतिरिक्त मजिस्ट्रेट ने माना की उनके द्वारा डराया धमकाया गया है।
पीड़ित ने जनपद व प्रदेश के उच्च अधिकारियों से कार्यवाही की मांग की है ।
पीड़ित का आरोप जनपद के अधिकारियों ने नहीं सुनी शिकायत प्रदेश की योगी सरकार लगातार महिलाओं के सशक्तिकरण के बड़े-बड़े दावे करती रहती है।
समय-समय पर जनपद के अधिकारी भी महिलाओं को सशक्त बनाने के अभियान में जुड़कर महिलाओं को जागरूक करने का कार्य करते हैं लेकिन जनपद के एक अधिकारी की करतूत ने जनपद में महिला सशक्तिकरण के दावे की पोल को खोल कर रख दिया है।