जिले में खाद की मारामारी: महुआ गांव के किसानों का सड़क पर चक्का जाम, काफ़ी मस्सकत के बाद भारी बारिश होने से खुला जाम
सिंगरौली जिले में किसानों को खाद की किल्लत लगातार सिरदर्द बनी हुई है। सरई तहसील अंतर्गत महुआ गांव में मंगलवार को खाद न मिलने से नाराज किसानों ने सड़क पर उतरकर जोरदार आंदोलन किया। किसान सड़क पर बैठ गए और घंटों चक्का जाम कर दिया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि भारी बारिश के बावजूद किसान सड़क पर डटे रहे और “हमें खाद दो, फसल बचाओ” के नारे लगाते रहे।
किसानों का कहना है कि खरीफ सीजन के बीच समय पर खाद उपलब्ध न होने से उनकी फसलें खतरे में हैं। जिला प्रशासन ने पहले दावा किया था कि जिले में खाद का पर्याप्त भंडार मौजूद है और किसानों को समय पर खाद दी जाएगी। लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट दिखाई दे रही है। गांव-गांव के किसान खाद के लिए भटक रहे हैं, वहीं कालाबाजारी के कारण उन्हें भारी दाम पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। चक्का जाम की जानकारी मिलते ही निवास चौकी से पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसानों को समझाने देकर जाम को खुलवाया गया।
किसानों का कहना है कि प्रशासन केवल कागजों पर दावे करता है, हकीकत में खाद वितरण की सही व्यवस्था नहीं की गई। करीब दो घंटे तक चले इस जाम के कारण आवागमन पूरी तरह ठप रहा। बारिश तेज होने पर अंततः किसान सड़क से हटे और चक्का जाम समाप्त हुआ। हालांकि किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही खाद की आपूर्ति नहीं की गई तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र किया जाएगा। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि जिले में खाद संकट गहराता जा रहा है। किसान बार-बार खाद वितरण में गड़बड़ी और कालाबाजारी का आरोप लगाते हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी केवल आश्वासन देने तक ही सीमित हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कब तक किसानों को खाद जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
