
चार माह पहले हुई थी नहर की सफाई, जेसीबी और पोकलैंड से हुआ था सिर्फ दिखावा — अब भी फैली है सड़ांध, लोगों का जीना मुश्किल
संवाददाता – सुरेश चंद्र मिश्रा
प्रयागराज, मेजा। :- मेजा से मांडा तक फैली बेलन नहर की सफाई पर खर्च किए गए 29 लाख रुपये अब सवालों के घेरे में हैं। चार महीने पहले कराई गई नहर की सफाई केवल कागज़ों पर सिमट कर रह गई है। नहर में आज भी गाद, कूड़ा-कचरा और मृत जानवरों के कारण तेज़ दुर्गंध फैल रही है, जिससे आसपास के लोग परेशान हैं।
शनिवार को आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान जब इस मामले की शिकायतें सामने आईं तो एडीएम प्रशासन पूजा मिश्र ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद नहर की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, जो विभागीय लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है। एडीएम ने तत्काल नहर सफाई की विस्तृत जांच के आदेश दिए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, मेजा रोड, उरुवा, कपूरी, बरहा कला, डिघिया, चिलबिला और मांडा रोड से मिर्जापुर तक फैली नहर में पानी छोड़े जाने के बाद कूड़ा और सड़े-गले पशुओं के शवों का जमाव हो गया है। स्थिति इतनी बदतर है कि नहर के किनारे रहने वाले लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया है।
चार महीने पहले जब सफाई कार्य कराया गया था, तब विभाग ने जेसीबी और पोकलैंड मशीनें लगाई थीं। लेकिन वह सफाई केवल नहर की पटरियों तक सीमित रही। नहर के भीतर जमा गाद और गंदगी को हटाने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई। नतीजा यह कि करोड़ों की योजना और लाखों की सफाई के बावजूद नहर की हालत पहले जैसी ही बनी हुई है।
एडीएम प्रशासन पूजा मिश्र ने कहा कि,
“बेलन नहर की सफाई में गंभीर लापरवाही बरती गई है। चार महीने पहले किए गए सफाई कार्य की पूरी जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि नहर की सफाई को जल्द से जल्द सही तरीके से कराया जाए ताकि क्षेत्र में फैल रही दुर्गंध और संक्रमण के खतरे से राहत मिल सके।