
सिर पर बांध गमछा सांसद पहुंचे खेत, हल और बैल से की जुताई, थामे ट्रैक्टर की स्टेयरिंग, विडिओ वायरल
राजनीति की व्यस्त गलियों से निकलकर जब कोई जनप्रतिनिधि सीधे मिट्टी की खुशबू में घुल जाए, तो तस्वीर कुछ खास बन जाती है. कुछ ऐसा ही नजारा मध्य प्रदेश के सीधी संसदीय क्षेत्र में देखने को मिला, जहां के सांसद डॉक्टर राजेश मिश्रा अपने गांव अकोरी में एक किसान के रूप में नजर आए. ट्रैक्टर की स्टेयरिंग थामे और बैलों के साथ खेत में काम करते हुए उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई हैं।
ट्रैक्टर चलाया, बैलों से भी किया काम
सांसद डॉक्टर राजेश मिश्रा आज अपने राजनीतिक कामकाज से दूर, पूरी तरह से किसानी के रंग में रंगे दिखे. उन्होंने अपने अकोरी गांव स्थित फार्म हाउस में खुद ट्रैक्टर चलाकर खेत की जुताई की और चने की बुवाई की शुरुआत कराई. आधुनिक खेती के साथ-साथ उन्होंने पारंपरिक तरीकों के महत्व को भी उजागर किया. ट्रैक्टर चलाने के बाद सांसद ने दो बैलों के सहारे खेत में ‘कोपर’ चलाकर जमीन को बराबर किया।
मिट्टी से जुड़कर मिलती है अलग ऊर्जा
खेत में पसीना बहाने के बाद सांसद ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज खेत में खुद काम करके मुझे एक अलग ऊर्जा की अनुभूति हुई है. मिट्टी से जुड़ना, पशुधन की सेवा करना, यही हमारे जीवन की पूर्णता है. उन्होंने कहा कि बैलों के सहारे की जाने वाली खेती सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ाव और संतुलन का प्रतीक है।
सांसद के इस ‘मिट्टी से जुड़ाव’ को देखकर स्थानीय ग्रामीण और किसान भी काफी उत्साहित नजर आए. कई किसानों ने कहा कि जब उनका जनप्रतिनिधि खुद खेती करता है, तो यह संदेश देता है कि कृषि केवल आजीविका का साधन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है. सांसद का यह रूप दिखाता है कि एक नेता अगर धरती से जुड़ा हो, तो विकास और विश्वास दोनों की फसल लहलहा सकती है।