सिंगरौली का बरगवां इलाका इन दिनों कोयला माफियाओं के लिए स्वर्ग बना हुआ है। ईमानदार और सख़्त मिज़ाज थाना प्रभारी राकेश शाह, जिन्होंने कुछ दिन पहले माइनिंग विभाग के साथ मिलकर कोयले में हो रही भस्सी, चारकोल और अन्य मिलावट के खिलाफ जोरदार कार्रवाई की थी, अब खुद माफियाओं के शिकंजे का शिकार हो गए हैं।
शाह की सक्रियता से तिलमिलाए माफिया और उनके चाटुकारों ने जैसे जाल बिछा रखा था। अब हालात ये हैं कि बरगवां में शाह की गैरमौजूदगी में कोयला मिलावट का गंदा खेल फिर शुरू हो जाएगा। खुलेआम, दिनदहाड़े, बेलगाम तरीके से चल रहा है। भस्सी और चारकोल से लदा ट्रक, बिना रोक-टोक सड़कों पर दौड़ने लगेंगे।
स्थानीय सूत्र बताते हैं कि शाह के हटने की सूचना पाते ही कोयला माफियाओं और उनके खास सहयोगियों ने जमकर जश्न मनाया — मानो कानून की नहीं, उनकी जीत हो गई हो। अपराधियो की खिशी साफ़ कर दिया कि यहां उनके हौसले अब पुलिस से ऊंचे हैं।
जनता जानना चाहती है?
“क्या सिंगरौली में ईमानदारी की सज़ा यही है?
क्या माफिया राज के सामने कानून हमेशा घुटने टेकता रहेगा?”
अगर यही हाल रहा तो बरगवां की सड़कों पर कोयले की जगह इंसाफ़ की राख उड़ती नज़र आएगी।
